साहित्य हिमालिनी अपडेट नाराज़ हैं मेहरबाँ मेरे : डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ 6 years ago नाराज़ हैं मेहरबाँ मेरे नाराज़ हैं मेहरबाँ मेरे अब आ भी जाओ कि अंजुमन को तेरी दरक़ार है ढूँढता रहा न मिला कोई तेरे जैसा कि महफ़िल तेरे बिना बेक़ार है तेरा लिहाज़ तेरी जुस्तजू तेरी आवाज़ में सुकूँ है कि तू इक अज़ीम फ़नकार है इब्तिदा होती नहीं बज़्म तेरी राह में निग़ाहें बिछायें कि तू ही दिलों की सरकार है यह भी पढें अधिकांश मधेस प्रदेश के क्षेत्र मानसूनी हवाओं से प्रभावितडॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ About Author hindimagazine nepal See author's posts WhatsAppMoreTweetPrintLike this:Like Loading... देखिये जरूर आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. Continue Reading Previous प्रदेश ५ में १ साै १५ कर्मचारी दरबन्दीNext मलेठ घटना सम्बन्धित राष्ट्रीय मानव अधिकार द्वारा सार्वजनिक प्रतिवेदन काे राजपा ने बताया एकपक्षीय Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Notify me of follow-up comments by email. Notify me of new posts by email. Loading...