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पोलिटिक्स नही ओलीटिक्स

अब तो ओलीटिक्स को दूसरे देशों ने भी मान्यता दे दी है तभी तो पीएमओली को यह डिग्री मिली । इसी लिए जल्द ही देश के सभी नागरिक ओलीटिक्स ज्वाइन करें और सत्ता के गलियारे में चहलकदमी का मजा लें ।


 बिम्मीकालिंदी शर्मा,वीरगंज | (व्यग्ंय)
अन्य देशों में पोलिटिक्स चलता है पर हमारे देश में ओलीटिक्स चलता है । पिछले तीन साल से इस देश में ओलीटिक्स ही हावी है । अभी तो और ज्यादा हावी है ओलीटिक्स सत्ता के गलियारे में क्यों कि दो तिहाई का जलवा है । अब जलवा है तो दिखेगा ही । और इस को दिखा रहे ओलीटिक्स पार्टी के वानर सेना और ओलीटिक्स के समर्थन में भजन, कीर्तन करने वाले गुलाम अली । इसी लिए देश के सभी नागरिक संजिदा हो के ओलीटिक्स के घेरे के अंदर आ जाएं तभी आप सुरक्षित है । नहीं तो आपका अल्लाह मालिक है । इस धरती पर नेपाल नाम के देश के अल्लाह के बाद अगर कोई शक्तिशाली है तो वह है ओलीटिक्स । इसी लिए तो नेपाल से लेकर अमरिका तक यह छाया हुआ है ।
जिस ने भी ओलीटिक्स को नजरअंदाज किया उस को खामियाजा भुगतना पडेगा । ओलीटिक्स में एक चश्मा मिलता है जिसे पहनने पर चारों तरफ विकास और समृद्धि का ही जौहर दिखेगा । इस चश्मे का नाम भी ओली है जिस का मेड ईन नेकपा एमाले नामक राजनीतिक पार्टी है । इस चश्मे को पहनने के बाद अगर अंधेरा भी है तो उस को नकार कर नहीं चारों तरफ बहुत ही उजाला है कहना पडेगा । नहीं तो यह चश्मा आपकी आंख भी फोड़ सकता है । इस चश्मे को चाटुकारिता की चाशनी से लबरेज किया गया है । यह चश्मा पहनते ही सत्य मर जाएगा और झूठ ही झूठ का पर्दा चारों तरफ दिखेगा । क्योंकि यह समाजवाद, साम्यवाद की तरह ओलीवाद का चश्मा है ।
ओलीटिक्स के गलियारें में आपको जितना चाहे झूठ बोलने की छूट है । यहां पर जो जितना ज्यादा झूठ बोलेगा वह उतना ही ज्यादा ओलीटिक्स का प्रिय होगा । इस में १२ दिन में पकड़ा जाने वाला अपराधी को पकड़ने में १२ साल भी लग सकता है कह कर उस अपराधी को कंबल के अंदर छुपाया जाता है । पर कंबल के बाहर उस का पैर दिख रहा है । कोई बात नहीं अभी पैर दिख रहा है १२ साल के बाद उस का चेहरा भी दिख जाएगा । ओलीटिक्स में भ्रष्टाचार और बलात्कार करने की चाहे जितनी छूट है । क्योंकि कोई रोकने और टोकने वाला नहीं हैं । पुलिस भ्रष्टाचार और बलात्कार को होता हुआ देख कर भी मुंह घुमा लेती है । बेचारी इतनी शालीन और योग्य पुलिस को शर्म जो आती है । अब जिस को शर्म आती है जिसकी बेईज्जती होती है वह तो अपना मुँह छुपाएगा ही ।
ओलीटिक्स में एक विमान स्थल बनाने के लिए लाखों पेड़ काटने की छूट है । यहां तो इंसान का गर्दन भी कटता है तो कोई रोकता नहीं यह तो फिर भी पेड़ है । कर के मार से देश के सभी नागरिको के गर्दन कट्ने जैसी ही स्थिति में है । ओलीटिक्स में हवाहवाई गप चाहे जितना मन करे दे सकते हैं क्यों कि इस में अभी तक कोई कर नहीं लगा है । कभी मेट्रो रेल तो मोनो रेल का हवाहवाई गप देने के बाद अब विमान स्थल बनाने का गप चालू है । इस को बनाने के पक्ष में तर्क ऐसे दिया जा रहा है यदि यह विमान स्थल नहीं बनेगा तो देश में बहुत बडी आफत आ जाएगी । कथित नाकाबंदी के समय से शुरु हुआ ओलीटिक्स अभी अपने चरम पर है । जैसे बाढ़ अपने उग्र रुप में होती है वैसे ही । अब ओलीवाद के बाढ़ के चपेट में जो आ जाए वह सही सलामत बचेगा क्या ?
ओलीटिक्स के लिए कोई योग्यता नहीं चाहिए । बस हुक्म का गुलाम और वानर सेना की तरह उछलकूद करने की योग्यता भरपूर होनी चाहिए । साथ में पिएम ओली का भजन कीर्तन करने और स्तुतिगान करने की कला भी हो तो सोने पे सुहागा है । बस शोसल मीडिया पर ओलीटिक्स या ओलीवाद के विरुद्ध बोलने और लिखने वालों पर बिल्ली की तरह झपटना आना चाहिए । किसी ने भी पीएमओली के बारे में कुछ उल्टा, सीधा बोला नहीं कि उस की खटिया खड़ी कर दो । अब तो पीएमओली को पीएचडी कि डिग्री भी मिली हुई है । उन के तो पौ बार्ह है । अब तो ओलीटिक्स को दूसरे देशों ने भी मान्यता दे दी है तभी तो पीएमओली को यह डिग्री मिली । इसी लिए जल्द ही देश के सभी नागरिक ओलीटिक्स ज्वाइन करें और सत्ता के गलियारे में चहलकदमी का मजा लें । तब सभी के पाचों उगंली घी में और सिर कड़ाही में होगा । देश में चारों तरफ ओलीटिक्स की माया और ओलीवाद की छांया है । दो तिहाई के रुआब में पांच साल तक तो यह ओलीटिक्स खूब फलता, फूलता ही जाएगा । यदि बीच में ही इस के विरोधी माधवकुमार नेपाल, झलनाथखनाल और वाम देव गौतम ने इस की जड़ ही षडयंत्र की कैंची से न काट दी तो ? जय जय हो इस ओलीटिक्स की ।

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