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अाखिर क्याें वर्जित था केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाअाें का प्रवेश



भारत के केरल के पंपा में स्थित भगवान अयप्पा के सबरीमाला मंदिर के पट कल बुधवार को खुल जाएंगे। एेसें में यहां दर्शन के लिए अभी से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके है। महिला श्रद्धालुआें की भी काफी भीड़ हो रही है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के महिलाएं पहली बार भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश करेंगी, जिससे में उनमें गजब का उत्साह है। हालांकि कुछ लोग अभी भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

केरल सरकार ने पूरी तैयार कर ली
केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने कहा कि मंदिर मुद्दे पर किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सरकार कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने के लिए उचित बंदोबस्त करेगी।   सबरीमाला  में महिलाओं के प्रवेश को चुनौती देने के लिए कोई पुनर्विचार याचिका भी नहीं डाली जाएगी। सरकार कोर्ट सभी कह चुकी है उसके आदेश का हर हाल में पालन किया जाएगा। एेसे में केरल सरकार ने इसके लिए पूरी तैयार कर ली है।

महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने देंगे
सबरीमाला मंदिर हिंदू देवता अयप्पा को समर्पित है। मंदिर प्रबंधन द्वारा देवता को शाश्वत ब्रह्मचर्य माना जाता है। इसलिए यहां पर लंबे समय से 10 से 50 साल की महिलाआें के प्रवेश पर बैन था लेकिन 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी महिलाअों के प्रवेश की अनुमति दे दी है। एेसे में जहां इस फैसले से महिलाआें में खुशी की लहर है वहीं कुछ धार्मिक संगठन ने कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि वह महिलाओं को मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करने देंगे।



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