कई राजदूतों की पद धराप में, कौन–कौन हैं लिष्ट में ?
काठमांडू, १६ नवम्बर । पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नियुक्त विभिन्न देशों के राजदूत को वापस करने की प्रक्रिया सरकार ने शुरु किया है । पहली बार सरकार ने इजरायल के लिए नेपाली राजदूत निरंजन थापा को वापस किया है । थापा के जगह अञ्जना शाक्य को नयां राजदूत के रुप में सिफरिश की गई है । शाक्य प्रधानमन्त्री केपीशर्मा ओली की ‘किचन क्याबिनेट’ सदस्य हैं । आलोचना हो रही है कि अञ्जना नाते में प्रधानमन्त्री की साली है, इसीलिए उनको राजदूत बनाया गया है ।
इसीतरह सरकार ने दक्षिण अफ्रिका के लिए नेपाली राजदूत रहे अमृत राई को भी सरकार ने वापस बुलाया है । राई की कार्यकाल सिर्फ दो महिना बांकी है, कहा जाता है कि महत्वपूर्ण दूसरे जिम्मेदारी देने की उद्देश्य से उनको वापस किया जा रहा है । अन्य कई देशों के राजदूतों को भी वापस करने की तैयारी सरकार ने किया है । मन्त्री परिषद् द्वारा किया गया निर्णय सार्वजनिक करते हुए बिहीबार सञ्चार तथा सूचना प्रविधि मन्त्री तथा सरकार के प्रवक्ता गोकुल बास्कोटा ने कहा है कि राजदूत नियुक्ति और कार्य सम्पादन मूल्यांकन करते हुए वापस करने की तैयारियां शुरु हो गई है । उनका यह भी कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नियुक्त सभी को वापस नहीं किया जाएगा ।
समाचार स्राते के अनुसार कतार के लिए राजदूत रहे रमेश कोइराला, स्पने के लिए राजदूत रहे भरत रायमाझी, दक्षिण कोरिया के लिए राजदूत रहे अर्जुनजंग बहादुर सिंह, बंगलादेश के लिए राजदूत रहे डा. चोपलाल भुसाल, म्यानमार के लिए राजदूत रहे भीम उदास आदि को भी वापस करने की तैयारी सरकार ने किया है । कतार के राजदूत कोइराला पहले से ही विवादित व्यक्ति है । वह म्यानपावर व्यवसायी हैं । स्पने के राजदूत रायमाझी के संबंध में आरोप है कि वह कार्य सम्पादन में दक्ष नहीं हैं ।
लेकिन जापान के लिए राजदुत रहे प्रतिमा राणा, ओमान के लिए राजदूत रहे शर्मिला पराजुली और श्रीलंका के लिए राजदूत रहे विश्वम्भर प्याकुरेल को तत्काल वापस नहीं किया जाएगा । जापान के लिए राजदूत रहे राणा प्रमुख प्रतिपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के सभापति शेरबहादुर देउवा की सासु मां हैं । कहा जाता है कि राणा की कार्य सम्पादन भी सन्तोषप्रद नहीं है, लेकिन राजनीतिक पावर सेन्टर से जुडेÞ हुए व्यक्तित्व के कारण ही उन को वापस नहीं किया जाएगा । इसी तरह ओमान के राजदूत पराजुली की पहुँच भी प्रमुख प्रतिपक्षी दल से लेकर सिंहदरबार तक होने के कारण वापस करने में सरकार हिचक रही है । पराजुली को तत्कालीन फोरम लोकतान्त्रिक के अध्यक्ष एवं हाल के कांग्रेस उपसभापति विजय कुमार गच्छदार ने राजदूत बना दिया था ।