उपेक्षा का दंस झेल रहा नेपाल द्वार
दुर्गा प्रसाद गुप्त, ठुठीबारी, महराजगंज , भारत
भारत–नेपाल सीमा पर स्तिथ महेशपुर बॉर्डर (नवलपरासी) पर पूर्व मंत्री हृदेश त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में लगभग २० लाख की लागत से नेपाल द्वार बनाया, जो विगत कई साल से उपेक्षा का शिकार बन गई है । किसी भी जनप्रतिनिधि और प्रसाशनिक अधिकारियों का ध्यान इस की ओर नहीं है । भारत–नेपाल सीमा पर प्रमुख मार्ग होने के कारण इस को पूर्ण रूप से बन जाना चाहिए था, लेकिन संबंधित निकायों की उपेक्षा के कारण नहीं बन पाया है । यहां सुनौली के बाद दूसरा बड़ी भंसार कार्यालय भी चालू हो चुका है ।
महेशपुर निवाशी महेंद्र, विनोद, चन्द्रिका, सुभाषचंद्र, पन्नालाल, विक्रम, दुर्गेश, बैजनाथ, संतोष, वीरेंदर, ऋषिकेश आदि लोग बताते हैं कि बिगत कई वर्षों से यह गेट अपनी दुर्दशा को झेल रहा है, देखिए हमें खुद शर्म होता है कि भारत की तरफ पड़नेवाला गेट सु–व्यवस्थित व सुसज्जित है, परन्तु नेपाल की ओर रहे गेट में किसी का ध्यान नहीं है । इस क्षेत्र से नेपाली कांग्रेस के नेता देवेन्द्रराज कँडेल निर्वाचित होकर संघीय सांसद् बने हैं और प्रदेश सांसद वैजनाथ जैसवाल हैं । जिन को इसके बारे में जानकारी दी गयी है । जबकि यह गेट दो देशों को जोड़ने का काम करता है और उपेक्षा का शिकार बना हुआ है ।