शिखर सम्मेलन के लिए वियतनाम पहुंची किम जोंग की बख्तरबंद ट्रेन,
डोंग डांग [ एजेंसी ]।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ दूसरे शिखर सम्मेलन के लिए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन मंगलवार को वियतनाम पहुंच चुके हैं। किम यहां से 170 किमी दूर हनोई की यात्रा कार से करेंगे। यह उनका राजकीय दौरा होगा। बख्तरबंद ट्रेन से उन्होंने ढाई दिन में चार हजार किलोमीटर का लंबा सफर तय किया। प्योंगयांग से डोंगडांग तक के सफर में उन्हें करीब 60 घंटे का वक्त लगा।
उधर, वियतनाम सरकार में इस शिखर सम्मेल को लेकर उत्साहित है। वियतनाम की राजधानी हनोई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि 27-28 फरवरी को हनोई में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बहुप्रतीक्षित दूसरी शिखर वार्ता होनी है। इससे पहले दोनों नेताओं ने पिछले साल सिंगापुर में बैठक की थी।
किम जोंग के साथ नार्थ कोरियन वकर्स पार्टी की केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष और अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता के प्रभारी किम योंग चोल, विदेश मंत्री री योंग हो, सुप्रीम पीपुल्स असेम्बली के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विभाग के निदेशक री सु योंग और रक्षा मंत्री नो क्वांग चोल भी उनके साथ हैं। दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ उत्तर कोरियाई नेता की बहन किम यो जोंग भी हैं।
किम शनिवार शाम को प्योंगयोंग स्टेशन पर सैन्य गार्ड ऑफ ऑनर के बाद रवाना हुए थे। उनकी ट्रेन ने रविवार को चीन की सीमा में सफर तय किया। उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने उनकी रवानगी की पुष्टि करते हुए कुछ तस्वीरें भी जारी की थीं, जिसमें वह ट्रेन से हाथ हिलाकर अपने देशवासियों का अभिवादन कर रहे थे। किम के साथ ट्रेन पर उनकी बहन किम यो जोंग और अमेरिका के साथ वार्ता में एक मुख्य वार्ताकार किम योंग चोल भी हैं।
शनिवार रात को ही उनकी ट्रेन उत्तर कोरिया की सीमा से लगे चीन के डेनडोंग स्टेशन पर पहुंच गई थी। इस दौरान चीनी सेना ने सीमा पर यालू नदी के पुल और आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया था। यात्रा मार्ग की लोकेशन को पूरी तरह गोपनीय रखे जाने के बीच महज इतना बताया गया है कि किम की ट्रेन को चीन के विभिन्न स्टेशनों से गुजरते हुए 25 फरवरी को चीनी सीमा के करीब बने वियतनाम के रेलवे स्टेशन डोंग डांग पर पहुंची। वियतनाम सरकार ने डोंग डांग में भारी सैन्य बल लगाने के साथ ही स्टेशन तक पहुंचने वाले रास्तों पर भारी ट्रकों की आवाजाही रोक दी थी।