पुस्तक के ऊपर लगाया गया कर वापस होना चाहिएः सांसद् प्रदीप गिरी
काठमांडू, २९ जून । नेपाली कांग्रेस के नेता तथा सांसद् प्रदीप गिरी ने कहा है कि नेपाल सरकार ने पुस्तक में कर (राजश्व) लगाने की जो निर्णय किया है, वह वापस होना चाहिए । शुक्रबार आयोजित प्रतिनिधिसभा बैठक में बोलते हुए उन्होंने ऐसा कहा है । उनका मानना है कि पुस्तक में कर लगाने से पुस्तक पढने की संस्कार निरुत्साहित हो जाएगी ।
सभा को सम्बोधन करते हुए सांसद् गिरी ने कहा– ‘लम्बे समय से पुस्तकों में कर नहीं है, अभी आकर विभिन्न बाहना में पुस्तक में कर लगाना ठीक नहीं है । पुस्तकों की सौखिन लोग सत्तारुढ दल में भी हैं, प्रधानमन्त्री स्वयं विद्वान हैं, ऐसी अवस्था में पुस्तक में कर क्यों ?’
सांसद् गिरी ने कहा कि काठमांडू में ७५ प्रतिशत पुस्तक पसल बन्द हो चुका है, जिस जगहों में सोना की और मदिरा की पसल खुल गई है, ऐसी अवस्था में पुस्तक में कर लगाना ठीक नहीं है । उनका मानना है कि कर सिर्फ आर्थिक मुद्दा से सरोकार नहीं रखता, नीतिगत विषय भी है ।