जनयुद्ध के समय लापता व्यक्तियों को सार्वजनिक करने की मांग
३० अगस्त, काठमांडू । मानवअधिकारवादी संस्था और नागरिक समाज ने मांग करते हुये कहा कि बलपूर्वक बेपत्ता किये हुये व्यक्तियों को सार्वजनिक किया जाय ।
अन्तर्राष्ट्रीय बेपत्ता विरुद्ध दिवस के अवसर पर आज शुक्रवार संयुक्त रुप में प्रेस वक्तव्य जारी करते हुये मांग रखा है कि उनलोगों का अविलम्ब अनुसन्धान प्रक्रिया आगे बढाया जाना चाहिये और मानवाधिकार का उल्लंघन करने वालों को कानून के कठघरा में लाया जाना चाहिये ।
माओवादी जनयुद्ध के क्रम में एक हजार ४०० से ज्यादा लोग लापता होने का अनुमान है ।
विस्र्तत शान्ति सम्झौता में प्रतिब४ता जताया गया है कि बेपत्ता किये गये नागरिकों को ६० दिन के अन्दर अनुसन्धान कर सार्वजनिक किया जायेगा । परन्तु १३ वर्ष व्यतित होने के बाद भी उनलोगों का अवस्था अज्ञात ही है ।