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आतंकवादियों की शरणस्थली बनता बीरगंज : मुरलीमनोहर तिवारी

पूछताछ से पता चला की 27 साल का असलम अंसारी पाकिस्तान से जाली नोट लाकर बीरगंज नाका से भारत पहुँचाता है । असलम पिछले छ साल से जाली नोट के गिरोह में संलग्न था । असलम ने बताया की नोट पाकिस्तान से दाऊद इब्राहिम ने नेपाल भेजा थाterorist-in-birgunj-madhesh-nepal
हिमालिनी  अंक अगस्त , सितंबर  2019 |पूरी दुनिया में सबसे खतरनाक देश वेनेजुएला की राजधानी कराकस है । कराकस दुनिया में सबसे घातक शहर है । कराकस के बाद दूसरे स्थान पर मैक्सिको का शहर अकापुल्को है । होंडुरस का शहर ‘सैन पेड्रो सुला’ तीसरे स्थान पर है ।

इनमें अपराध के मुख्य कारण सभी देशों में सामान हैं, इनमें मुख्य रूप से जिम्मेदार कारक हैं, राजनीतिक अस्थिरता, ड्रग्स तस्करी, जाली नोट का कारोबार, आतंकवादियों की शरणस्थली, धार्मिक कट्टरता, लचर कानून व्यवस्था, प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार, गुमराह युवा और बेरोजÞगारी है । पर्सा का बीरगंज शहर, नेपाल की आर्थिक राजधानी, प्रदेश की राजधानी बनते–बनते अपराध की राजधानी बनने के कगार पर पहुंच रहा है । इस बात की गंभीरता का अंदाजा बीरगंज में घटित घटनाक्रम से लगाया जा सकता है ।

बीरगंज में बड़े अपराध नहीं होते थे, छोटे–मोटे चोरी, छिनारी, अपहरण की घटनाएँ हुई थी, बाद में बिहार में गुटखा–शराब बंद होने के कारण शराबी बार्डर के आसपास आते रहते थे, जिसमे अपराधी भी होते थे, वे शराब पीते, यही रहते, अपने शागिर्द बनाते और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते । जिस कारण अपराध की घटनाएँ बढ़ने लगी । ऐसी खÞबरें आए दिन आती रहती है । दूसरी खबर आई कि जम्मू कश्मीर से धारा घठण् के हटाये जाने के बाद भारत पाकिस्तान व्यापार समाप्त होते ही, नेपाल के रास्ते पाकिस्तानी छुहारे की भारत तस्करी में तेजी आ गयी है ।

रक्सौल रेलवे पार्सल से हाल के दिनों में भारी मात्रा में कोलकाता पश्चिम बंगाल के लिये छुहारे की बुकिंग से आशंका होने लगी है । रक्सौल में छुहारे का उत्पादन नहीं होता । ऐसे में उक्त छुहारा आता कहां से है । पाकिस्तान से छुहारा बीरगंज के बाजार में लाया जाता है । बीरगंज में गुप्त गोदाम में भंडारण कर उसे रेलवे पार्सल से बाजाप्ता फÞर्जी कागजÞात पर बुकिंग करके कोलकाता भेजा जाता है । नेपाल पहुंचने वाला पाकिस्तानी छुहारा बीरगंज के रास्ते विभिन्न माध्यम से भारत में जा रहा है । इसका कारण तस्करी से मोटी कमाई का होना बताया जाता है । नेपाल में इसके मूल्य से भारत आने पर डेढ़ से दो गुणा अधिक हो जाता है । बताया जाता है कि रक्सौल रेलवे स्टेशन पर पार्सल के जरिये कई शहरों में रोज भेजा जा रहा है । पिछले दिनों मिथिला एक्सप्रेस में लादे जा रहे छुहारे से इसका खुलासा हुआ ।

तीसरी खबर आई की नेपाल से चोरी छुपे सुपारी÷गरम मसाला लाकर ट्रेन की बोगियों में जहां तहां सीट के नीचे छिपा दी जाती है । इसके बाद अलग–अलग तस्कर खड़े हो जाते हैं । अगर कोई जांच होती है तो उस सामान पर वह अपना हक भी नहीं जताते हैं । सूत्रों की मानें तो महिलाओं के सहारे तस्करी का खेल चल रहा है । तस्करी रोकने का प्रयास होता है तो तस्करों के संगठन को इसकी भनक पहले ही लग जाती है जिससे वह सतर्क हो जाते हैं ।

चौथी खबर, नेपाल सीमा के बीरगंज बार्डर पर इन दिनों बड़े पैमाने पर सोना का अवैध कारोबार हो रहा है । तस्करी के लिए नए–नए हथकंडे अपनाये जा रहे हैं । तस्कर अपने मोटरसाइकिल के एयरफिल्टर के पास गुप्त स्थान बना कर उसमे सोना को छिपा, भारत ले जा रहे है । इस मामले में गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी कर कुछ तस्करो को दबोच लिया । उसे बीरगंज शंकराचार्य गेट के पास इनरवा पुलिस ने नियंत्रण में लिया । पुलिस सूत्रों ने बीरगंज व रक्सौल समेत सीमा क्षेत्र में स्वर्ण तस्करी से जुड़े कारोबारियों की संलिप्तता का खुलासा किया है ।

पांचवी खबर, जाली नोट मामले में पचास हजार के इनामी एनआईए के मोस्ट वांटेड फरमुल्लाह अंसारी को मोतिहारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । उसकी गिरफ्तारी रक्सौल के इस्लामपुर मोहल्ले से हुई । फरमुल्लाह नेपाल के बारा जिले के सिमरौनगढ़ थाने के हरिहरपुर का निवासी है । बताते हैं कि फरमुल्लाह दुबई के रास्ते भारत में जाली नोट सप्लाई करने वाले नेपाली हैंडलर अबी मोहम्मद अंसारी का शागीर्द है । अबी की गिरफ्तारी सिकटा बार्डर से हुई थी । अबी की गिरफ्तारी के बाद से फरमुल्लाह सीधे आईएसआई के संपर्क में था । इस दौरान वह सीमा क्षेत्र में जाली नोट व मादक पदार्थों की तस्करी में संलप्ति था । जाली नोट रैकेट में इसके साथ दर्जनों लोग शामिल थे । इसी तरह दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने छ । 6 लाख जाली नोट के साथ बीरगंज के असलम अंसारी को दिल्ली नेहरू प्लेस बस टर्मिनल के पास पकड़ा । ये सभी जाली नोट 2000 के नोट में थे । पूछताछ से पता चला की 27 साल का असलम अंसारी पाकिस्तान से जाली नोट लाकर बीरगंज नाका से भारत पहुँचाता है । असलम पिछले छ साल से जाली नोट के गिरोह में संलग्न था । असलम ने बताया की नोट पाकिस्तान से दाऊद इब्राहिम ने नेपाल भेजा था । पूछताछ में असलम अंसारी ने पुलिस को बताया कि उसे नेपाल के 3 लोगों ने जाली नोट की सप्लाई की । इनके नाम हैं ः अब्दुल रहमान, सज्जाद और शेर मोहम्मद । इनसे जाली नोट लेकर असलम भारत में सप्लाई करता था । असलम अंसारी, वाहिद अंसारी का लड़का है, जिसका घर बीरगंज म.न.पा । के छपकैया, इनरवा में है । असलम का दूसरा साथी अब्दुल रहमान, आदर्श नगर के अब्दुल ट्रेलर में काम करता था, जिसका घर छपकैया वार्ड नंबर 02 में है ।

छठी खबर, अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स तस्कर गिरोह, अतिप्रशोधित चरस और गांजा का खेप लेकर रक्सौल के रास्ते भारत के विभिन्न शहरों में भेजने की तैयारी में रहते हैं । सूचना मिलते ही पुलिस ने वाहन जांच और चिंहित क्षेत्रों में तलाशी अभियान शुरू किया । इस दौरान कई घरों में छिपाकर रखे 305 किलोग्राम गांजा, 103 किलो चरस, चरस बनाने वाला पाउडर 1035किलोग्राम, पांच बोरा चरस बनाने के लिए गांजा धूल, 267 पैकेट चरस, एक बोरा और दस बंडल गांजा बरामद होता है । 43 वर्षीय चन्द्रबहादुर घलान औरÞ 36 वर्षीय जीवन तमांग उर्फ पशुपति को गिरफ्तार किया जाता है । जिसने बताया है कि नारकोटिक्स बीरगंज से रक्सौल के रास्ते भारत के उत्तरप्रदेश औरÞ दिल्ली आदि जगहों पर भेजना था । इस कारोबार को सीमावर्ती शहर रक्सौल, नेपाल के पर्सा औरÞ बारा जिला के सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त होने की आशंका है ।

सातवीं खबर, चीन से नेपाल के बीरगंज के रास्ते अत्याधुनिक हथियारों की खेप यहां लगातार भेजी जा रही है । इसके लिए पूरा नेटवर्क काम कर रहा है । इसमें स्थानीय तस्करों का रैकेट भी जुड़ा हुआ है । खुफिया सूत्रों के अनुसार हथियारों को रखने के लिए कई ठिकाने बनाए गए हैं । कुछ खास जगहों पर हथियारों को इकट्ठा किया जा रहा है । हालांकि, पुलिस और खुफिÞया तंत्र को भ्रमित करने के लिए इन हथियारों को स्थानीय अपराधियों को भी बेचा जा रहा है । बीते दो महीने के दौरान करीब दो दर्जन हथियार पकड़े गए हैं, जो मुंगेर से आने वाले हथियारों से अलग हैं । पुलिस को शंका है कि इनमें से कई हथियार चीन निर्मित हैं । जांच की जा रही है । पुलिस अपराधी से पूछताछ कर हथियार तस्कर और हथियार आपूर्ति करने वाले नेटवर्क तक पहुंचने की कोशिश कर रही है । अब तक की पुलिस जांच में पता चला है कि तस्कर आपस में कोड वर्ड में बात करते हैं । बीरगंज के रास्ते हथियार तय ठिकानों पर लाए जाते हैं । फिर इसे एजेंट के सहारे अपराधियों तक पहुंचाया जाता है । महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन में तैयार हथियार काफी छोटा और मारक होता है । इसे एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने में भी सुविधा होती है । इस कारण इन दिनों अपराधियों के बीच इसकी मांग मुंगेर निर्मित हथियारों की अपेक्षा बढ़ गई है । चीन निर्मित हथियारों को बीरगंज के रास्ते आसानी से बार्डर पार करा लिया जाता है ।

आठवीं खबर, कुछ दिन पहले ‘हिमालिनी’ ने खÞुलासा किया कि, भारत के कश्मीर में अनुच्छेद घठण् हटने के बाद, आतंकवादी कोई बड़ी घटना को अंजाम देना चाहते हैं । कश्मीर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती से घुसपैठ करना मुश्किल है, इसलिए आतंकवादी नेपाल के रास्ते भारत प्रवेश कर आतंकी घटना अंजाम देने की पिÞmराकÞ में है । इसके मद्देनजÞर सभी सुरक्षा निकाय सक्रिय और सजग हैं । खÞुपिÞmया सूत्रों के अनुसार सात पाकिस्तानी नेपाल में प्रवेश कर चुके हैं । काठमांडू एयरपोर्ट से उनकी गतिबिधि संदिग्ध थी, जिसके कारण वे सुरक्षा निकाय के नजर में आ गए, उनका पीछा किया गया, जिसमे वे सातों काठमांडू में अलग–अलग लोगो से मिलते हुए बीरगंज तक आए ।

सुरक्षा निकाय के पास इनकी गतिविधियों की पूरी फÞेहरिस्त मौजूद है । वे सात पाकिस्तानी जिनकी गतिविधियाँ संदेहास्पद रही उनके नाम है, जÞमील सुल्तान, खान वादा, गुल अमान, रहमत अली, अवल बट खान, अजमल खान, अल्लाह दोस्त खान । ये लोग बीरगंज आने के बाद मुड़ली जामा मस्जिद, श्रीपुर मस्जिद, कास्मिया मस्जिद, मस्जिद अबरार, सखुआ परसौनी गांव पालिका के विभिन्न मस्जिद के आसपास देखे गए । सुरक्षा निकाय के नजर में आने के एहसास के बाद ये लोग भूमिगत हो गए । प्राप्त सूचना के अनुसार ये लोग अभी भी इन इलाकों में छुपे हुए है और अपनी रणनीति के अनुसार काम कर रहे हैं । माहौल शांत होने के बाद एक एक करके इन्हे बार्डर पार करके भारत के विभिन्न जगहों पर पहुंचाया जाएगा, भारत में इनके एजेंट और स्लीपिंग सेल्स जिन स्थानों की रेकी कर चुके है, वहां आतंकी हमला करने या मुंबई हमला 26/11 जैसे दोहराने की योजना में है । ये हमले दशहरा दीवाली के मद्देनजÞर अक्टूबर 2019 से 30 नवंबर 2019 के बीच होने की आशंका है ।

सबसे चौंकाने वाली बात है की इतनी जानकारी के बावजूद ये पकडे क्यों नहीं गए, ये कैसे चकमा देकर भूमिगत हो गए । उस पर चिंता की बात ये है कि ये लोग भारत नेपाल के लोगो में आराम से घुलमिल सकते हैं । इस विषय पर बात करने पर कोई बड़ा अधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं है । अगर उन्हें नेपाल में ही समय रहते नहीं पकड़ा गया तो बहुत बड़ी क्षति होगी और विमान अपहरण की तरह एक और कलंक लगेगा ।

नौवीं खबर, आतंकवादी संग्ठन लश्कर–ए–तैयबा (एलईटी) के आतंकी और अंडरवल्र्ड डान दाऊद इब्राहिम के कÞरीबी अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने भारत–नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था । भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक, सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को दिल्ली पुलिस ने भारत नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया । टुंडा की गिरफ्तारी उस समय हुई, जब एक खाड़ी देश ने उसे अपने यहां से वापस भेज दिया । टुंडा पर देश में हुए द्धण् से अधिक बम विस्फोट मामलों की साजिश रचने का आरोप है । ठण् वर्षीय टुंडा आतंकवादी संगठन लश्कर–ए–तैयबा का कुशल बम निर्माता था । वर्ष ज्ञढढट में उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया था ।

बात गुटखा, शराब से शुरू होकर छुहड़ा, सुपारी, सोना की तस्करी से होते हुए जाली नोट, नशीले पदार्थ, हथियारों की सप्लाई और आतंकवादियों की शरणस्थली बनने से लेकर नामचीन आपराधियो को बीरगंज से पकडे जाने की कहानी तक आते–आते सिद्ध होता है कि बीरगंज अपराधियों का शहर ‘कराकस’ बन रहा है । नेपाल और भारत में जितने अपराधी पकडे जा रहे है, उनके तार बीरगंज से जुड़ना महजÞ संयोग नहीं हो सकता । ऊपर से देखने में बीरगंज बहुत ही शांत शहर मालूम पड़ता है, लेकिन इसकी आपराधिक जड़े बहुत गहरे तक समा चुकी है, जिसकी भनक बीरगंज के सीधे–साधे लोगो को नहीं है, जब तक इन्हे पता लगेगा तब तक कैंसर का रूप ले चुका होगा क्योकि अभी तक जो पकडे गए है वे प्यादे मात्र है, इनको पालने वाले ऊँचे पहुंच और रसूख वाले लोग है । ये इतने ताकÞतवर है की इनकी जड़े कुरेदने का साहस कोई मीडिया नहीं करती । अगर बीरगंज को बचाना है, तो हरेक को खुद सजग होना पड़ेगा, अपने आँख–कान खुले रखकर हर घटनाक्रम का सूक्ष्म विश्लेषण करके खÞबरदार करना होगा ।



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