नेपालको पुनः हिन्दू राष्ट्र बनाना, कितना संभव कितना असंभव ? : डा. श्वेता दीप्ति
किन्तु आज विश्व नक्शे में कोई भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है । क्या यह पतन की
किन्तु आज विश्व नक्शे में कोई भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है । क्या यह पतन की
माना कि चाहतों का दिया तुमने सिला नहीं कोई गम नहीं है मुझको जो तू
श्वेता दीप्ति, काठमांडू ,३० सेप्टेम्बर | नफरत के बीज इतनी गहराई में मत बोओ कि
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत अर्थात् उठो, जागो और जब तक तुम अपने अंतिम ध्येय
देश जिस वक्त विनाश की स्थिति से उबरने की कोशिश कर रहा था, उसी समय
पिछले महीने देश ने जो भोगा वह अप्रत्यासित था, उसकी किसी ने कल्पना नहीं की