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प्रतिपक्षी ४ दलों की साझा विचारः सरकार निरंकुशता की ओर, लकडाउन के बाद आन्दोलन !

काठमांडू, २२ अप्रील । प्रमुख प्रतिपक्षी दल नेपाली कांग्रेस सहित प्रतिनिसभा में रहे अन्य ३ प्रतिपक्षी दलों ने सरकार द्वारा जारी दो अध्यादेश के संबंध में साझा विचार व्यक्त किया है । नेपाली कांग्रेस पार्टी कार्यालय सानेपा में बुधबार संपन्न प्रतिपक्षी दलों की साझा बैठक ने कहा है कि सरकार ने गलत नियत के साथ राजनीतिक दल और संवैधानिक परिषद् संबंधी विधेयक लाया है । चारों दल के शीर्ष नेता सम्मिलित बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में उक्त अध्यादेश वापस करने के लिए सरकार से आग्रह भी किया गया है ।
इसीतरह प्रतिपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने राहत वितरण कार्य में भी भेदभाव किया है । नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता विश्वप्रकाश शर्मा ने कहा– ‘दो अध्यादेश जिस परिस्थिति में जारी हुई, सभी दल नेताओं का निष्कर्ष है कि उसमें सरकार का नियत साफ नहीं है । गोलबंद होकर अब विधेयक वापसी के लिए सरकार को आग्रह किया जाएगा ।’
बैठक में नेपाली कांग्रेस, समाजवादी, राष्ट्रीय प्रजातन्त्र पार्टी (राप्रपा) और राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजपा) के प्रतिनिधि सभागी थे । कांग्रेस सभापति शेरबहादुर देउवा, राजपा संयोजक शरदसिंह भण्डारी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव, राप्रपा अध्यक्ष पशुपति शमशेर राणा द्वारा संयुक्त रुप में जारी ६ सूत्रीय विज्ञप्ति में कहा गया है– ‘लोकतान्त्रिक मूल्य और मान्यता को समाप्त कर वर्तमान ओली सरकार निरंकुशता की ओर अग्रस है । हमारी ठहर है कि उसी श्रृंखला अन्तर्गत दो अध्यादेश जारी है । उक्त दोनों अध्यादेश तत्काल वापस करने के लिए जोरदार मांग करते हैं ।’
बैठक ने सामाजिक दूरी कायम रखते हुए तत्काल संघीय संसद् बैठक आह्वान के लिए सरकार से मां किया है । सरकार की अधिनायकवाद उन्मुख कदम के प्रति सचेत रहने के लिए आग्रह करते हुए लोकतन्त्र विरोधी और जनविरोधी कदम के विरुद्ध सचेत रहने के लिए भी बैठक ने आम जनता को आग्रह किया है । कहा गया है कि अगर अध्यादेश वापस नहीं होगी तो लकडाउन खत्तम होने के बाद आवश्यक कदम के लिए प्रतिपक्षी मोर्चा बाध्य हो जाएगी ।



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