नेपालगन्ज मे सञ्चार माध्यम का समावेशी एक दिवसीय गोष्ठी
नेपालगन्ज (बाँके) पवन जायसवाल ।
नेपाल सरकार ने सञ्चार माध्यमको समावेशी करने के लियें बाँके जिले के नेपालगन्ज में उच्च स्तरीय आयोग द्धारा माघ २० गते एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया ।
समावेशी के नाम मे निजी सञ्चारमाध्यमों के उपर स्वतन्त्रता सरकार ने अङ्कुश नलगाने के लियें नेपालगन्ज में कार्यक्रम में सहभागी लोगों नें जोड दिया ।
समावेशीकरण करने के लियें गठित उच्च स्तरीय आयोग के द्वारा किया गया शनिवार के आयोजित एक दिवसीय गोष्ठी में सहभागी पत्रकार तथा अन्य सरोकारवालों नें अनेकौं समस्याओं उठाने में वाध्य हुये नीजि क्षेत्र के सञ्चार गृह में उनलोगों के समस्या प्रति उदासीन राज्य ने समावेशी का शर्त और मापदण्ड लागु करने के लियें स्वतन्त्र प्रेस के उपर का हस्तक्षेप हुआ और राज्य का बचकनापन होने का धारणा सहभागी लोगों ने रक्खा ।
उसी अवसर में उच्चआयोग के सदस्य मनोज कुमार यादव द्वारा किया गया प्रस्तुत विषयगत अवधारणा पत्र के उपर सहभागीओं के वीच में छलफल कराकर सुझाव सङ्कलन किया गया था ।
आयोग ने गोष्ठी में सहभागीओं को प्रेषित समावेशी से सम्बन्धित ८ प्रश्नों का लिखित जवाफ भी सङ्कलन किया ।
गोष्ठी में उच्च आयोग के सदस्य आलोक कुमार तिवारी नेें कार्यक्रम के उद्देश्यों के उपर प्रकाश डाला था ।
इसी तरह उच्च आयोग के सदस्यद्वय धर्मेन्द्र कर्ण, नवराज अर्याल और सूचना तथा सञ्चार मन्त्रालय के अधिकृत शिशिर उपाध्याय ने गोष्ठी में सहभागीओं से प्राप्त किया गया राय सुझावों के आधारों में उच्च आयोग ने प्रतिवेदन तयार करके नेपाल सरकार को सौंपने के लियें जानकारी दिया ।
एक दिवसीय उच्च आयोग के गोष्ठी में बाँके, बर्दिया, दाड., सुर्खेत लगायत जिला से करीब दो दर्जन से अधिक पत्रकार तथा समाजसेवी, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिओं का सहभागिता रहा था ।