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पाकिस्तान में दो आतंकियों को मिली मौत की सजा

इस्लामाबाद, एजेंसियां।

पाकिस्तान की एक अदालत ने लाल शाहबाज कलंदर दरगाह में 2017 में हुए आत्मघाती हमले में शामिल दो आतंकियों को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है। सोमवार को आतंक-रोधी कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि दोनों दोषियों ने वारदात को अंजाम देने में आत्मघाती हमलावर का साथ दिया था। सिंध प्रांत स्थित सूफी संत की दरगाह में 16 फरवरी, 2017 को अंजाम दिए गए उक्त हमले में 82 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 250 अन्य घायल हो गए थे।

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स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मौत की सजा के अलावा कोर्ट ने दोषी नादिर अली और फुरकान को 1.4 करोड़ रुपये जमा करने का भी आदेश दिया है। मुआवजे की यह राशि हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के बीच बांटी जाएगी। कुल मिलाकर दोषियों को 24 साल जेल की सजा दी गई है। विस्फोटक सामग्री व हथियार रखने के जुर्म में दोनों को अलग से आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई।

आतंकी हमलों में सात जवानों की मौत

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पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में बीते 24 घंटों में दो अलग-अलग आतंकी हमलों में सात सैनिकों की मौत हो गई। इसकी पुष्टि पाकिस्तानी सेना के मीडिया विभाग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आइएसपीआर) ने की है। आइएसपीआर ने बताया कि सोमवार रात को घात लगाकर किए गए एक हमले में छह सैनिकों की मौत हो गई।

यह हमला तब किया गया, जब सुदूर पीर गैब इलाके में सुरक्षाकर्मी एक वाहन में सवार होकर गश्त पर निकले थे। हमले में घायल जवानों को इलाज के लिए बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हमले की जिम्मेदारी प्रांत में सक्रिय अलगाववादी संगठन यूनाइटेड बलूच आर्मी ने ली है। दूसरी घटना मंगलवार सुबह की है, जब बलूचिस्तान के केच इलाके में आतंकियों की गोलीबारी में एक सैनिक की मौत हो गई।

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