दिल पर फिर से नश्तर रख कर। कोई याद पुरानी लिखना : दीपक गोस्वामी
स्वर्ग से सुन्दर,स्वपन सरीखा यह प्यारा नेपाल है।
स्वर्ग से सुन्दर,स्वपन सरीखा यह प्यारा नेपाल है।
माता जानकी का है मैका,और मेरी ननिहाल है।
आठ चोटियांँ गगन चूमती, सगर माथ सा भाल है।
मैची, काली,कोशी,गण्डक, नदियों का यह जाल है।
जन्म भूमि है यह बुद्धा की, चारु की ससुराल है।
पशुपति नाथ हैं यहीं बिराजे,यह कितना खुशहाल हैं।

तेनजिंग सा वीर शेरपा, मिलती नहीं मिसाल है।
शेर गोरखा सेना में जा, हरता अरि का भाल है।
वाम दिशा में अरि को रोके, यह भारत की ढाल है।
अविजित और अखण्ड सदा से, यह न्यारा नेपाल है।
दीपक गोस्वामी
‘चिराग’
मेरी प्रेम_कहानी लिखना।
ज्यों पानी पर पानी लिखना।
दिल पर फिर से नश्तर रख कर।
कोई याद पुरानी लिखना।
दिल का कत्ल किया है किसने?
इक गुड़िया_जापानी लिखना।
इश्क_हकीकी नाम लिखो तो।
बस मीरा दीवानी लिखना।
कथा लिखो कोई मर्दानी तो।
झांसी वाली रानी लिखना।
मरे-मिटे जो देश की खातिर।
उन्हें अमर_बलिदानी लिखना।
जीवन का पर्याय लिखो यदि।
शब्द एक बस ‘पानी’ लिखना।
चाहे हों बस ढाई_आखर ।
हरिक हरफ़ लाफ़ानी लिखना।
‘चिराग’ लिखो ग़र नाम खुदा का।
तो बाबा_बर्फानी लिखना।

शिव बाबा सदन, कृष्णाकुंज
बहजोई (सम्भल) 244410 ,उ. प्र.
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#हरफ़ -अक्षर का वहुवचन
#लाफा़नी- कालजयी, अमर