अंगीकृत नागरिकता संबंधी निर्णय के प्रति नेकपा के भीतर ही असंतुष्टी
काठमांडू, २१ जून । नेपाली पुरुष से शादी करनेवाली विदेशी महिलाओं के संबंध में सत्ताधारी दल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा) ने जो निर्णय किया, उसके प्रति स्वयम् नेकपा के भीतर भी असुंष्टी दिखाई दी है । तराई–मधेश से प्रतनिधित्व करनेवाले नेकपा नेता प्रभु साह ने खुल कर अपनी असंतुष्टी जाहिर किया है ।
नेता साह ने कहा है कि अंगीकृत नागरिकता संबंधी नेकपा निर्णय मधेशी जनता की भावना विपरित है, इसमें पार्टी को पुनर्विचार करना चाहिए । उन्होंने कहा है कि उक्त निर्णय के कारण नेपाल–भारत बीच रहे परम्परागत रोटी–बेटी संबंध में दरार पैदा करेगी और मधेश में अविश्वास का वातावरण निर्माण होगा । साह ने यह भी कहा है कि अगर लेट से नागरिकता दी जाएगी तो उसी के कारण राष्ट्रीयता भी कमजोर पड़ सकती है ।
नेकपा के लिए प्रदेश नं. २ अध्यक्ष भी रहे नेता साह ने कहा है– ‘७ साल के बाद नागरिकता देने से नेपाली राष्ट्रीयता मजबूत होगी और विगत की तरह भारतीय नागरिकता परित्याग करने के बाद नागरिकता देने से राष्ट्रीयता कमजोर पड़ जाएगी ऐसा नहीं है ।’ उन का मानना है कि शादी के कारण किसी भी देश में राष्ट्रीयता कमजोर नहीं हुआ है ।