नारियों की दृष्टि में नारी दिवस
कविता दास:नारी दिवस के उपलक्ष्य में हिमालिनी कुछ गिनीचुनी महिलाओं से नारी दिवस के बारे में उनकी राय मांगी थी । प्रस्तुत है, उन सब के विचारः
नारी-जाति आधी मानव-जाति है । पुरुष-जाति की जननी है । पुरुष -पति) की संगिनी व अर्धांगिनी है । नबी, रसूल, पैगम्बर, ऋषि, मुनि, महापुरुष, चिंतक, वैज्ञानिक, शिक्षक,
समाज-सुधारक सब की जननी नारी है, सब इसी की गोद में पले-बढÞे । लेकिन धर्मों, संस्कृतियों, सभ्यताओं, जातियों और कौमों का इतिहास साक्षी है किर् इश्वर की इस महान कृति को इसी की कोख से पैदा होने वाले पुरुषों ने ही बहुत अपमानित किया । बहुत तुच्छ, बहुत नीच बनाया, इसके नारीत्व का बहुत शोषण किया गया, इसकी मर्यादा, गरिमा व गौरव के साथ बहुत खिलवाडÞ किया गया । इसके नैतिक महात्म्य को यौन-अनाचार की गन्दगियों में बहुत लथेडÞा ।
जरुरत है पुरुष वर्ग खुद में सुधार लाए और घर की महिलाओं को शिक्षा जैसे मूलभूत अधिकारों से अवगत कराए । साथ ही पुरुष समाज का सोच बदलने पर भी जोर दिया जाना चाहिए कि महिलाएं सिर्फयौन सम्बन्धी या सिर्फबच्चे पैदा करने के मसिन नहीं है । बल्कि वो हमारी माँ के रूप में बहन के रूप पत्नी के रूप और बेटी के रूप में हम पुरुष वर्ग को प्यार करती हैं । हर दुःख-सुख में पूरे परिवार का साथ देती हैं ।
प्रतीभा पोखरेल बंसल
म्यानेजर
तेज-सेभिङ्ग एण्ड को-अपरेटिभ
विश्व की आंधी जनसंख्या महिला है । उन महिलाआंे मे से सिर्फ२५ प्रतिशत महिला ही सम्पन्न हैं । ये जानने के बाद, महिला दिवस का अर्थ थोडÞा कठिन हो रहा है, समझना और समझाना । मैं कई संघ-संस्थाओं से जुडी हूँ, जो महिला के विकास के लिए काम कर रही हैं । कुछ हद तक मैं खुश हूँ कि मेरी एक छोटी सी कोशिश रङ्ग ला रही है । पर मंै हरेक महिला से कहना चाहूंगी कि वे स्वयं अपनी मद्द करंे । तो हम महिलाएं कभी भी कमजोर और अबला नही कहलायेंगी । शक्ति का दूसरा नाम ही नारी है ।
सबिता दास ँरुबी’
डाइरेक्टर, कनिष्क मार्केटिङ प्रा.लि., काठमांडू
आज के आधुनिक युग में नारी एक विशेष शक्ति के रुप में उभर कर आई है । मैं एक नारी होने पर वर्ग करती हूँ । मैं एक
सामान्य परिवार से सम्बन्ध रखती हूँ । मैं आज अपने पाँव पर खुद खडी हँू । और मैंने अच्छे मुकाम हासिल किए हैं । मैं समझती हूँ कि मेरी तरह हर नारी को अच्छी शिक्षा हासिल करनी चाहिए । और समाज में पहचान बढाकर आगे बढÞने की जरुरत है । आइएं हम सब मिल कर इस नारी दिवस पर यह प्रण करें और मजबूत नारी शक्ति का विकास करें । हैप्पी नारी दिवस !
रानी बंग प्रमुख वित्तीय अधिकृततारागाउ“ रिजेन्सी होटल लि.-हयात रेजेन्सी),काठमांडू
पहले औरत घर के अन्दरुनी कामों में ही व्यस्त रहती थी । उनका घर से बाहर निकलाना दुश्वार था । लेकिन विगत के कुछ वर्षों में पूरा परिवर्तन आया है । घर और समाज में महिला आज मजबूत स्तम्भ है । एक महिला को शिक्षित करने पर पूरा परिवार शिक्षित होता है- यह कहावत सही उतर रही है । हर वर्षफागनु २५ के रोज नारी दिवस मनाया जाता है और यह दिवस हम नारियों को अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है । नारी अपने एक जीवन में बेटी पत्नी, बहन, माँ वह सब कुछ बनती है और समाज और देश के विकास में योगदान देती है । इस लिए नारी दिवस की पर्ूण्ा सफलता की कामना !
– रेखा बज्राचार्य, कर्मचारी, एसबीआई बैंक
नेपाली महिलाओं की अवस्था में काफी सुधार हुआ है । सचेतना और शिक्षा में आए विकास के चलते आज की नारी स्वतन्त्र और सफल जीवनयापान कर सकती है । लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चेतना की बडÞी कमी है । नारी दिवस सचेतना जगाने में प्रेरणा दे सकता है । महिला अधिकार के बारे में सचेतना अभियान ग्रामीण इलाकों में ज्यादा जरुरी है ।
अञ्जु मित्तल
मार्केटिङ एक्ज्युकेटिभ, काँल मोबिलिटी प्रा.लि.