राष्ट्रपति व्दारा नही टेरने पर कैलाश सिरोहिया और कनकमणि आक्रोशित
काठमाडू, वैशाख २६–संवैधानिक परिषद व्दारा अख्तियार के प्रमुख पद के लिये पूर्व मूख्य सचिव लोकमान सिंह कार्की को नियुक्ति करने के लिये राष्ट्रपति रामवरण यादव के समक्ष किये गये सिफारिस को स्वीकृति नही करने के लिये शीतल निवास पर बहुत ज्यादा दवाव परने की बात सामने आयी है ।
परिषद् व्दारा सिफारिश करने के तुरन्त बाद ही शीतल निवास मे लगातार फोन आना शुरु हो गया था । राष्ट्रपति को इस तरह फोन करने वालों में अग्रपंक्ती मे कान्तिपुर के मालिक कैलाश सिरोहिया, नागरिक अगुवा के नाम मे डलर का खेति करने का आरोपित कनकमणि दिक्षित, वरिष्ठ अधिवक्ता शम्भु थापा लगायत कांग्रेस–एमाले के नेताओं का नाम शीतल निवास स्रोत से पता चला है ।
इनलोगों का आग्रह को राष्ट्रपति यादव भी सकारात्मक रुप मे ही लिया था । ‘लोकमान को अख्तियार प्रमुख मे नियुक्ति नही करने का खुद (राष्ट्रपति) की भी धारणा होने की बात लोकमान के विरुद्व लविङ करने शीतल निवास पहुँचे कान्तिपुर के मालिक सिरोहिया से हुइ बातचित के अधार पर स्रोत ने जनाया है ।
राष्ट्रपति के इस आश्वासन पर अतिउत्साहित सिरोहिया ने कहा था, ‘इसमे आप चिन्ता मत किजिये, मेरा टिभी, पत्रिका, रेडियो सभी चारो ओर से आज से ही लबिङ सुरु कर देगा’ । राष्ट्रपति के साथ हुइ सहमति के बाद कान्तिपुर दैनिक मार्फत लबिङ भी सुरु किया गया था ।
इसी प्रकार कनकमणि के साथ भी राष्ट्रपति को बार बार फोन वार्ता हुई थी । टेलिफोन वार्ता मे कनक ने भी अस्वीकृत करने का दवाव दिया था । लेकिन पूर्व सहमति के ठीक विपरित राष्ट्रपति व्दारा एकाएक कार्की को अख्यिार प्रमुख पर नियुक्ति करने से कनक और कैलाश दोनो राष्ट्रपति के खिलाप आग उगल रहें हैं । कार्की के सपथग्रहण के बाद नागरिक समाज के नाम मे कनक नेतृत्व के समुह ने राष्ट्रपति निवास घेराउ भी किया था । कनक शीतल निवास घेराउ करने के क्रम मे प्रहरी की लाठी प्रहार से घायल भी हो गये थे । बाद मे उनको माओवादी कार्यकर्ता ने ब्याण्डेज लगाकर उध्दार किया था ।
इधर, कार्की विरुध्द् लगातार लबिङ कर रहे कान्तिपुर राष्ट्रपति के विरुद् खुलकर लग गया है । कान्तिपुर ने आज अपने प्रमुख पृष्ठ मे ‘यसरी पल्टियो शीतलनिवास’ अर्थात ऐसे पलटी शीतल निवास शीर्षक अन्तर्गत राष्ट्रपति की कडी आलोचना की है ।