मिनी हाइड्रो विकास गोष्ठी
कविता दास :वैकल्पिक ऊर्जा पर््रवर्द्धन केन्द्र और एडीबी की संयुक्त आयोजना में नेपाल में मिनी हाइड्रो विकास सम्बन्धी गोष्ठी सम्पन्न हर्ुइ, जिस का उद्घाटन विज्ञान, प्रविधि एवं वातावरण मन्त्रालय के सचिव डा. सोमलाल सुवेदी ने किया। उद्घाटन के अवसर में सचिव सुवेदी ने कहा- ‘नेपाल में नवीकरणीय ऊर्जा सम्बन्धी अच्छा काम हो रहा है। अनग्रिड और अफग्रिड के लिए गुरु योजना बना कर आगे बढÞने की जरूरत है। दो हजार से ज्यादा लघु जलविद्युत आयोजना से तीन लाख से ज्यादा घरों में विजुली पहुँचाने में सफलता मिली है।
एक मेघावाट तक की आयोजना के लिए वैकल्पिक ऊर्जा पर््रवर्द्धन केन्द्र मार्फ अनुदान प्राप्त कर आयोजना सम्पन्न करने का अधिकार दिया जा चुका है। १० मेघावाट तक मिनी हाइड्रो के रूप में कैसे व्यवस्थित विकास किया जाए, इसकी नीतिगत योजना बनाकर आगे बढÞा जा सकता है।
उक्त कार्यक्रम में नर्वेजियन डेपुटी चिफ अफ मिसन क्यामिला रोज्याक ने ग्रामीण क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम के लिए सामाजिक परिचालन महत्त्वपर्ूण्ा होता है, ऐसा बताया। नवीकरणीय ऊर्जा के लिए स्तर उन्नति करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण करने की आवश्यकता पर उन्होंने जोडÞ दिया। उसी तरह ऊर्जा मन्त्रालय के सह-सचिव मोतीबहादुर कुवँर ने कहा- नेपाल में विद्युत संकट है और ऊर्जा क्षेत्र में ज्यादा रकम प्रत्येक रोज खर्च हो रहा है। ग्रामीण ऊर्जा के लिए नीतिगत व्यवस्था की जरूरत है।
नेपाल विद्युत प्राधिकरण के कार्यकारी निर्देशक रामेश्वर यादव ने कहा- विद्युत खरीद सम्झौते का निर्धारण करते समय दूसरे देश में भी हमे निर्यात करने का प्रावधान होना चाहिए। विश्व बैंक के प्रतिनिधि रवीन श्रेष्ठ ने कहा- विश्व बैंक ने अनेकों जलविद्युत आयोजना और प्रसारण लाइन में बडÞी रकम खर्च की है। मिनी हाइड्रोपावर के कार्यक्रम को निजी क्षेत्रों में देने की आवश्यकता है।
उक्त कार्यक्रम में उद्योग वाणिज्य संघ के प्रतिनिधि ज्ञानेन्द्रलाल प्रधान, आइपान, एफएनसीआई, सिएनआई, एनएचए, एनएमएचडीए आदि के प्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी धारणा व्यक्त की। उन लोगों ने उक्त कार्यक्रम में राजनीतिक संकट, प्रसारण, वितरण लाइन की समस्याओं को इंगित करते हुए सरकार की ओर से अनुगमन, मूल्यांकन और सहजीकरण होना चाहिए, इस बात पर जोडÞ दिया।
उस गोष्ठी में उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करनेवाले वैकल्पिक ऊर्जा के कार्यकारी निर्देशक प्रा.डा. गोविन्दराज पोखरेल ने वैकल्पिक ऊर्जा के कार्यक्रम से उद्योग व्यवसाय स्थापित करने में उत्साहित करना, स्थानीय ग्रिड जडÞान करना, मिनी हाइड्रो का स्वामित्व ग्रामीण जनता को हस्तान्तरण करना, ऐसे कार्य निजी क्षेत्रों को देकर आगे बढÞाना चाहिए, ऐसा कहा।
बाढÞ पीडितों के लिए राहत कार्यक्रम
विगत कुछ दिनोें में हर्ुइ अविरल वषर्ा और बाढÞ के कारण नेपाल के पश्चिमी भाग विशेषतः दार्चुला जिलावासी भयंकर बाढÞ की चपेट में पडेÞ हैं। उस क्षेत्र में धनजन की बहुत बडÞी क्षति हर्ुइ है। पीडित लोगों को सहयोग करने के लिए आईर्एमई -इन्टरनेशनल मनी एक्सपे्रेस) ने अपनी अग्रसरता में १ लाख रुपये का मूल कोष रखते हुए सभी से इस कोष में सहायता करने के लिए आहृवान किया है। इस भारी दैवी विपत्ति में सहयोग करना हम सभी का सामाजिक उत्तरदायित्व है। इस दुःखद घडÞी में बाढÞ पीडितों को सहयोग करने के लिए ग्लोबल आईर्एमई बैंक के पानीप्ोखरी शाखा में रहे ‘आईर्एमई दार्जुला पाढीपीडित राहत कोष’ के खाता नम्बर ३३०१००००१४८ में अपनी सहयोग राशि उदारतापर्ूवक जमा करने के लिए आईर्एमई ने हार्दिक अनुरोध किया है।