ओली ही क्यों प्रधानमंत्री के उम्मीदवार घोषित किए गए : शंकर पोखरेल
काठमांडू । २९ अगस्त । नेकपा एमाले के केन्द्रीय कमिटी की बैठक में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की न तो मांग थी और न ही तैयारी थी । बैठक में उठाए गए प्रश्नों का जबाब देते हुए स्वयं ओली ने भी इसका संकेत नहीं दिया ।
जब समसामयिक प्रस्तावों को पेश करने का समय आया तो अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और महासचिव शंकर पोखरेल के बीच कानापूmसी हुई । पोडियम पर आए उप महासचिव प्रदीप ज्ञवाली ने ओली को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रुप में घोषित करने का प्रस्ताव रखा और हॉल ने इसे मंजूरी दे दी ।
एमाले के हरेक पार्टी सदस्य ने ५ भोट बचाने और दो दो भोट बढ़ा कर प्रतिनिधिसभा में बहुमत जुटाने का दाबा किया है । एमाले द्वारा बताए गए एकल बहुमत आने की अवस्था में पार्टी अध्यक्ष ओली स्वाभाविक रुप से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार होंगे ।
लेकिन भविष्य के प्रधानमंत्री के रुप में क्यों घोषणा क्यों करना पड़ा ?तब महासचिव पोखरेल ने कहा – हमने केपी ओली को फिर से प्रधानमंत्री के रुप में यह संदेश देने के लिए प्रस्ताव दिया है कि लोकप्रिय नेता को घेरकर सत्ता से हटाए जाने पर उन्हें फिर से सत्ता में लाया जाएगा ।
पोखरेल ने पुस ५ गते २०७७ में प्रतिनिधि सभा के विघटन से पहले तत्कालीन नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा) के अध्यक्ष पुष्पकमल दहाल के बीच की बातचीत को भी सुनाया । उस समय उन्होंने ही जल्द ही चुनाव में जाने में जाने का प्रस्ताव रखा था । उन्होंने कहा कि पहला कार्यकाल केपी ओली प्रधानमंत्री ,दूसरे नए कार्यकाल में प्रधानमंत्री प्रचण्ड से बेहतर है । इस अर्थ में कमरेड केपी ओली के नेतृत्व में चुनाव में चलते हैं । जल्दी चलें ।