चीन के कर्ज तले विश्व के 97 देश, फोर्ब्स की नई रिपोर्ट में खुलासा
काठमान्डू, 13 सितम्बर
चीन के मकड़जाल के जंजाल से दुनिया के 97 देश कर्ज तले दब गए हैं। श्रीलंका, पाकिस्तान और मालदीव सबसे बड़े कर्जदारों में हैं। चीन की नीति के कारण ये देश गले तक डूब गए हैं।
यह खुलासा फोर्ब्स की नई रिपोर्ट में हुआ है। इसके मुताबिक, पाकिस्तान पर चीन का 61 खरब रुपये से अधिक का विदेशी कर्ज है। वहीं, मालदीव का कर्ज उसकी सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) का 31 फीसदी है। द आइलैंड ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव का कुल कर्ज 2020 के अंत तक 44,000 करोड़ रुपये है, जिसमें से 42,500 करोड़ रुपये विदेशी कर्ज है। फोर्ब्स ने 2020 तक विश्व बैंक की रिपोर्ट से यह आंकड़ा एकत्र किया है। इसके अनुसार 97 देश चीनी कर्ज में हैं। इसमें से भारी कर्ज वाले देश ज्यादातर अफ्रीका महाद्वीप में स्थित हैं। वहीं, कुछ देश मध्य एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत महासागर में भी मौजूद हैं।
ओबीआर योजना के तहत पहुंच रहा है चीन
रिपोर्ट के अनुसार, चीन ज्यादातर देशों में वन बेल्ट एंड रोड (ओबीआर) योजना के तहत पहुंच रहा है। दुनिया के कम आय वाले देशों ने 2022 में चीन को अपने कर्ज का 37 फीसदी कर्ज दिया है, जबकि बाकी दुनिया के लिए सिर्फ 24 फीसदी द्विपक्षीय कर्ज है।
द आइलैंड ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के लिए दुनिया में बंदरगाह, रेल और भूमि के बुनियादी ढांचे के निर्माण के वित्तपोषण के लिए चीनी वैश्विक परियोजना उसके कर्ज का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही है।
श्रीलंका के हालात : द आइलैंड ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, मई, 2022 में श्रीलंका अपने कर्ज के तले डूबने वाला दो दशकों में पहला देश था। चीनी कर्ज 2020 के अंत में कुल मिलाकर पांचवां सबसे अधिक था, जो उसके देश के जीएनआई का 9 प्रतिशत था।
इन देशों पर है अधिक कर्ज
रिपोर्ट के अनुसार, चीन का सबसे अधिक विदेशी कर्ज पाकिस्तान में 77.3 अरब डॉलर (61 खरब, 42 अरब रुपये), अंगोला में 36.3 अरब डॉलर (28 खरब, 85 अरब रुपये), इथियोपिया में 7.9 अरब डॉलर (6 खरब, 27 अरब रुपये), केन्या में 7.4 अरब डॉलर (5 खरब, 88 अरब रुपये) और श्रीलंका में 6.8 अरब डॉलर (5 खरब, 40 अरब रुपये) पर है।
वहीं मालदीव वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मालदीव का कर्ज 2022 की पहली तिमाही के अंत तक बढ़कर 99 बिलियन एमवीआर हो गया। यह सकल घरेलू उत्पाद का 113 फीसदी था।