रेशम चौधरीऔर लक्ष्मण थारु की उम्मीदवारी खारिज
काठमांडू, १२ अक्टूबर –मंसिर ४ गते को होने वाले चुनाव के लिए लगभग तैयारियां हो गई है । अभी उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है । बहुत से उम्मीदवारों के लिए शिकायत दर्ज की गई थी । जिनमें से कुछ की शिकायतें खारिज हो गई और कुछ की उम्मीदवारी ही खारिज हो गई है । इसमें नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के दो प्रतिनिधिसभा सदस्य उम्मेदवारों कीे उम्मीदवारी खारिज कर दी गई है । एक तो टीकापुर घटना के दोषी जो की जेल में सजा काट रहें रेशम चौधरी हैं और दूसरे फरार लक्ष्मण थारु हैं ।
चौधरी ने बर्दिया–२ से और थारु ने कैलाली–५ से अपनी उम्मीदवारी दी थी ।
२०७२ भादव ७ गते की ये घटना है जब कैलाली के टीकापुर में हिंसात्मक झड़प हुई थी । इस घटना में संलग्न हुए चौधरी को कैलाली जिला अदालत ने जन्मकैद और थारु को ३ वर्ष कैद की सजा सुनाई थी । लेकिन उच्च अदालत डोटी ने चौधरी और थारु दोनों को जन्मकैद की सजा सुनाई ।
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फौजदारी मुद्दा में दोषी हुए व्यक्ति को उम्मीदवार पर जब शिकायत दर्ज की गई तब सुनवाई करते हुए निर्वाचन अधिकृत के कार्यालय ने दोनों की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया ।
रेशम चौधरी के विरुद्ध बर्दिया–२ के माओवादी केन्द्र के उम्मीदवार सुरेश पन्थ ने और लक्ष्मण के विरुद्ध कैलाली–५ के स्वतन्त्र उम्मीदवार रामबहादुर सिंह ने शिकायत दर्ज की थी ।
रेशम इससे पहले २०७४ साल में कैलाली–१ में तत्कालिन राष्ट्रिय जनता पार्टी से निर्वाचित हुए थे । चुनाव जितने के बाद उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था । चौधरी ने थाना में ही रहकर ११ पुस २०७५ में सांसद पद की शपथ भी ली थी । २२ फागुन २०७५ में जिला अदालत, कैलाली ने जन्मकैद का फैसला सुना दिया सुनाया और उच्च अदालत, दिपायल ने ३ पुस २०७७ में इसे सदर कर दिया ।
उनकी पार्टी राजपा –हाल जसपा ने रेमश के रिहाइ की मांग लगातार करती रही लेकिन दो तह के अदालत से फैसला हुए मुद्दा में सर्वोच्च से फैसला नहीं होने कारण ये संभव नहीं हुआ ।
जब उन्हें लगा कि उनकी रिहाई नहीं हो पाएगी तब चौधरी ने श्रीमती रञ्जिता श्रेष्ठ के नेतृत्व में नागरिक उन्मुक्ति पार्टी गठन कराया ।
रञ्जिता अभी कैलाली १ से प्रतिनिधिसभा की उम्मीदवार हैं ।