’एक हाथ में सिंदूर दुसरे हाथ में नागरिकता’ विपक्षी ने बनाया मुद्दा, महासेठ द्वारा खंडन
जनकपुरधाम /मिश्री लाल मधुकर । कुछ दिन पूर्व जनकपुरधाम के तिरहुतिया गाछी में ओली के कार्यक्रम में पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा धनुषा जिला क्षेत्र चार से एमाले की उम्मीदवार ने अपने भाषण में जिक्र किया था कि’ एक हाथ में सिंदूर और दुसरे हाथ में नागरिकता। कदापि नहीं हो सकता है। यह वक्तव्य महासेठ जी के लिए गला का हड्डी बन गया है। मधेश प्रदेश के आठो जिला में मधेशवादी दल के साथ सत्ता गठवंधन के नेता अपने भाषण में जरूर जिक्र करता है। प्रधानमंत्री देउवा की उपस्थिति में जनकपुरधाम में पांच दलो की बैठक में पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा नेपाली कांग्रेस के बरिष्ठ नेता विमलेंद्र निधि का भाषण का सार इसी पर था। उन्होंने कहा कि कुछ नेता सिंदूर को भी नहीं छोड़ा। एक हाथ में सिंदूर दुसरे हाथ में नागरिकता के बारे में कहा कि त्रेता युग से चली आ रही भारत नेपाल रिश्ते को तार तार करने का काम किया है। जव वे नेपाली नागरिक से शादी करता है तो उनका सब कुछ नेपाल ही है क्योंकि वे उनका अर्द्धाग्नि हैं। अर्थात आधा अधिकार है। लेकिन कुछ नेता इस पवित्र रिश्तों को भी नहीं छोड़ा।
इसके बारे में रघुबीर महासेठ ने कहा कि विपक्षियों ने हमारे भाषण के सिर्फ इसी भाग को काटकर जनता में दिग्भ्रमित करने का काम कर रहा है। उसे पहले अपने बेटा का चिंता नहीं है। एमाले सरकार ने राष्ट्रपति को अध्यादेश भेजा था।वे हस्ताक्षर भी कर चुकी थी। लेकिन नेपाली कांग्रेस के इशारे पर सर्वोच्च में रिट दायर कर दिया। अल्प अवधि में दस हजार से अधिक जन्म सिद्ध नागरिक नेपाली संतान को बंशज नागरिकता मिल भी गया। वे निजी टीवी चैनल को साक्षात्कार में कहीं। उन्होंने कहा कि भारत में सात साल के बाद नागरिकता देने का प्रावधान है। कतार में नागरिकता देने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सोनिया को जव भारत के प्रधानमंत्री बनने की चर्चा हुयी तो भाजपा नेत्री ने आत्मदाह करने की बात कहीं थी। उन्होंने कहा कि बिपक्षी दल उनके लोकप्रियता से हताश हो गयी है। उन्होंने दावा किया कि अगली सरकार एमाले की बन रही है।