मोदी को खुश करने के लिए अमेरिका की राजदूत नैंसी का इस्तीफा
भारत में अमेरिका की राजदूत नैंसी पॉवेल ने सोमवार को अचानक इस्तीफा दे दिया। पॉवेल को लेकर कुछ दिन पहले से ही मीडिया में अटकलें थीं कि उन्हें वापस बुलाया जा सकता है। पॉवेल के इस इस्तीफे को मोदी से जोड़कर भी देखा जा रहा था। अटकलें हैं कि अमेरिका ने ऐसा मोदी को खुश करने के लिए किया है।
अमेरिकी दूतावास ने सोमवार रात अपनी वेबसाइट पर घोषणा की, ‘भारत में अमेरिका की राजदूत नैंसी जे. पॉवेल ने 31 मार्च को अमेरिकी मिशन टाउन हॉल की एक बैठक में घोषणा की कि उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति ओबामा को सौंप दिया है। कुछ समय पहले बनी योजना के मुताबिक मई के आखिर से पहले वह रिटायर होकर डेलवेयरे में अपने घर लौट जाएंगी।’ पॉवेल अपने 37 साल के करियर के दौरान युंगाडा, घाना, पाकिस्तान, नेपाल और भारत में अमेरिकी राजदूत रहीं।
कुछ दिनों से मीडिया में खबरें थीं कि अमेरिका मोदी को खुश करने के लिए नैंसी पॉवेल का इस्तीफा ले सकता है। खबर के अनुसार पॉवेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने में अनिच्छा जताई थी और वह यूपीए के विदेश नीति प्रतिष्ठान की करीबी समझी जाती थीं। अब अचानक नैंसी के इस्तीफा दिए जाने से चर्चा गर्म है कि क्या ऐसा मोदी को खुश करने के लिए किया गया है? हालांकि अमेरिकी दूतावास के सूत्रों ने 67 वर्षीय पॉवेल के अपने पद से इस्तीफा देने और उनके घर लौटने पर कोई अनुमान लगाने से इनकार कर दिया। अमेरिका ने पिछले दिनों नरेंद्र मोदी को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव के संकेत दिए थे। अमेरिका ने 2002 के गुजरात दंगे को लेकर नौ साल से जारी मोदी के बहिष्कार को खत्म करते हुए उनसे संबंध सुधारने का फैसला किया था, जिन्हें प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अग्रणी लोगों में एक समझा जाता है। इस कड़ी में पिछले दिनों अमेरिका ने नैंसी पॉवेल को मोदी से मिलने भेजा था।
अमेरिका का यह कदम मोदी से कोई संबंध नहीं रखने के लिए उसके पिछले रुख में यू-टर्न माना गया था। 2005 में अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के मुद्दे पर मोदी का वीजा रद्द कर दिया था। तब उसने अपनी इस नीति की समीक्षा करने से इनकार कर दिया था।