मधेश माँ को मै लुटने नहीं दूंगा : सि के राउत (कविता)
आखिरी सांस तक
जल्लादो !
चाहे उधेढदो चमडीको मेरी बाहोंसे
आजादी ही गुँजेगी मेरी हर आंहो से
पर मधेश माँ का चिर हरण होने नही दूँगा
माँ, तेरी स्मिता मै लुटने नही दूँगा
चाहे काट दो तुम मुझे सौ टुकडो मे
आजादी ही मिलेगी खून के हर कतरों मे
पर मधेश माँ को मै बिकने नही दूँगा
माँ, मै तुझे कभी झुकने नही दूँगा
चाहे गोलियां बरसादे तू इस सीने पर
आजादी लिख दूंगा गोली के हर छर्रेपर
पर मधेश माँ को रोने नही दूगां
माँ, तुझे मुझसे जूदा कभी होने नही दूंगा
चाहे चढादो तुम मुझको फांसी पर
आजादी ही सिसकेगी हर सांसों पर
पर मधेश माँ को मै लुटने नहीं दूंगा
माँ, मैं तुझे कभी मिटने नहीं दूंगा
डा सि के राउत, ३१ भाद्र, विराटनगर कारागार ।