लोकतन्त्र के नाम पर अराजकता नहीं होनी चाहिए – प्रधानमन्त्री ओली
काठमांडू,भादव २२ – प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि लोकतन्त्र के नाम पर अराजकता नहीं होनी चाहिए । जलस्रोत विकास संस्था द्वारा प्रधानमन्त्री निवास, बालुवाटार में शनिवार आयोजित पूर्वप्रशासक सूर्यनाथ उपाध्याय की ‘अन्तर्राष्ट्रीय जलप्रवाह कानूनः नेपाल–भारत सहकार्यको दृष्टिकोण’ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर उन्होंने यह बात कही है ।
साथ ही दोनों देश नेपाल और भारत को लेकर कहा कि कुछ समस्याओं का समाधान सहज ही नहीं किया जा सकता है । अगर व्यापक, सहनशील और न्यायोचित मन के साथ संवाद की जाए तो नेपाल–भारत के बीच समस्याएं आसानी से समाधान नहीं हो सकती है ।
उन्होंने कहा कि नेपाल–भारत के बीच में बहुत ज्यादा विवाद तो नहीं है लेकिन कुछ समस्या हैं जिसका समाधान आवश्यक है । समस्या समाधान के प्रस्ताव को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए दोनों प्रधानमंत्री के बीच की सहमति से प्रबुद्ध व्यक्तियों के समूह (इपिजी) का गठन किया जा चुका है ।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार सुशासन, देश और जनता को केन्द्र में रखकर काम कर रही है । उन्होंने यह भी कहा कि लोकतन्त्र के नाम पर अराजकता नहीं होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्रसङ्घ के मर्म और विभिन्न देश में हुए अभ्यास का अध्ययन के आधार पर उपाध्याय ने इस पुस्तक को तैयार कर अपना बौद्धिक योगदान दिया है । उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता सहित के न्यायोचित राष्ट्रवाद प्रकट होने और इस आधार में आगे इसपर बहस की जा सकती है ।