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जनकपुर में संयुक्त मधेश संघर्ष समिति की खबरदारी



जनकपुरधामः १६ सितम्बर। २०२४ ।जनकपुर में संयुक्त मधेश संघर्ष समिति ने ‘मधेश और संविधान संशोधन’ में केन्द्रित रह कर खबरदारी सभा की है । तराई-मधेश लोकतान्त्रिक पार्टी के वरिष्ठ नेता संविधानसभा सदस्य डा. विजय कुमार सिंह के सभापतित्व में सम्पन्न उक्त खबरदारी सभा में वक्ताओं ने नेपाली काँग्रेस और नेकपा एमालेद्वारा प्रस्तावित संशोधन जनता के समानुपातिक प्रतिनिधित्व और समावेशिता के अधिकार को समाप्त करने का षडयन्त्र बताते हुए इसके विरुद्ध कडा संघर्ष की चेतावनी दी है । उक्त सभा में माओवादी केन्द्र के नेता पूर्वमन्त्री मधेश राष्ट्रिय मुक्ति मोर्चा, नेपाल के इन्चार्ज मातृका यादव, पूर्व राष्ट्रिय सभा सदस्य तराई-मधेश लोकतान्त्रिक पार्टी के अध्यक्ष वृषेशचन्द्र लाल, मधेश राष्ट्रिय मुक्ति मोर्चा के संयोजक तथा संविधानसभा सदस्य जगत प्रसाद यादव, एकीकृत समाजवादी के नेता शीतल झा, नेपाल सद्भावना पार्टी का का. वा. अध्यक्ष रामकुमार महतो, जनाधिकार पार्टी के अध्यक्ष मो. इमदाद गड्डी, पूर्व मन्त्री माओवादी नेता महेन्द्र पासवान, मधेश प्रदेश के पूर्व मन्त्रीगण भरत साह, ज्ञानेन्द्र यादव, बोधमाया यादव, नेसपा के महासचिव पवन कुमार साह, महोत्तरी गापा के अध्यक्ष दिलिप पाणडेय, तमलोपा के नेता असगर अली, बिभा ठाकुर और सतीश लाल दास ने अपनी-अपनी बात रखी ।
तराई-मधेश लोकतान्त्रिक पार्टी के अध्यक्ष वृषेशचन्द्र लाल ने सरकार की स्थायित्व की बात पर प्रश्न उठाते हुए पूछा कि कैसी सरकार की स्थायित्व ? क्या स्थायित्व भ्रष्टाचार, भूटानी शरणार्थी, सोना तस्करी, ललिता निवास जमीन घोटाला, गिरीबन्धु टी-स्टेट की जमीन पर कब्जा काण्ड, अथवा सहकारी के माध्यम से जनता का रकम हडपने के लिए चाहिए ? उन्होंने शासक समूह अपनी वर्चस्व की निरन्तरता की गारन्टी के लिए संविधान में अनुचित संशोधन कर अभी तक जनता ने जो भी अधिकार प्राप्त की है उसे खत्म करना चाहते हैं । उपलब्धि को उलटना चाहते हैं कहते हुए नेपाली काँग्रेस और नेकपा एमाले गठबन्धन की आलोचना की । लाल ने भ्रष्टाचार की समाप्ति, भागबन्डा और भाईभतीजावाद अन्त्य और विधि के शासन को मजबूत करने के लिए बहस क्यों नहीं होती, पूछा । उन्होंने पूर्ण समानुपातिक निर्वाचन, राज्य के सभी अंगों में समावेशिता, प्रादेशिक राजनीतिक दलों को मान्यता, थ्रेसहोल्ड का अन्त्य जैसे अग्रगामी संविधान संशोधन की मांग करते हुए अगर प्रतिगामी कदम आगे आई तो कडा संघर्ष हमारा बाध्यता होगा कहा ।
नेकपा माओवादी केन्द्र के नेता मातृका यादव ने मधेश के मुद्दा के लिए मधेशी राष्ट्रिय मुक्ति मोर्चा, नेपाल डट कर संघर्ष करेगी कभी पीछे नहीं हटेगी बताते हुए पूर्ण समानुपातिक निर्वाचन पद्धति, समानुपातिक समावेशिता की गारन्टी और समग्र मधेश एक प्रदेश हमारा लक्ष्य है बताया । हम प्रतिगमन से लड़ने के लिए पूरा तैयार हैं कहते हुए सभी से तैयार रहने की अपील की ।
आज सम्पन्न खबरदारी सभा में प्रायसः सभी वक्ताओं ने संविधान संशोधन कर प्रदेश के सीमांकन में पहचान आधारित सुधार तथा समग्र मधेश एक प्रदेश, पूर्ण समानुपातिक निर्वाचन प्रणाली, समानुपातिक निर्वाचन के लिए प्रदेश को क्षेत्र बनाना, थ्रेस होल्ड की समाप्ति, प्रादेशिक राजनीतिक दलों को मान्यता का मांग रखा । वक्ताओं ने प्रतिनिधिसभा से समानुपातिक निर्वाचन प्रणाली हटाने का प्रस्ताव का कडा बिरोध किया । नेपाली काँग्रेस और नेकपा एमाले द्वारा पंचायत के एक दलीयता के तर्ज पर द्विदलीयता लादना और बहुदलीयता को गिराने का षडयन्त्र का आरोप लगाया ।

संयुक्त मधेश संघर्ष समिति ने मधेश के सभी जिलों में खबरदारी सभा आयोजित कर आन्दोलन की तैयारी करने निर्णय किया है । आज सम्पन्न उक्त सभा से सभी संघीयतावादी पहचानवादी दलों को सत्ता के दलदल से निकल कर गोलबन्द होने का आह्वान भी किया गया है ।

संयुक्त मधेश संघर्ष समिति में तमलोपा, मधेशी राष्ट्रिय मुक्ति मोर्चा, एकीकृत समाजवादी पार्टी, नेपाल सद्भावना पार्टी, जनअधिकार पार्टी शामिल है ।



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