नेपालगञ्ज में स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा–२०८१ की तैयारी
नेपालगंज, पवन जयसवाल । बाँके जिला के नेपालगञ्ज में इसी माघ ३० गते बुद्धवार को स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा–२०८१ होने जा रहा है ।

हिन्दू स्वयं सेवक संघ नेपाल ने पत्रकार सम्मेलन की आयोजन करके विभिन्न विषय में प्रतियोगितात्मक परीक्षा नेपालगञ्ज उप–महानगरपालिका वार्ड नं. ९ रामलीला मैदान में माघ ३० गते आयोजन करने जा रही है पत्रकार सम्मेलन जानकारी दी गई ।
बिश्व हिन्दू परिषद् राष्ट्रिय महिला बिभाग प्रमुख कृष्णा देबी पाठकद्वारा सञ्चालित, स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा इसी माघ ३० गते बुद्धवार को होने जा रही स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा में करीब २ हजार ५ सौ विद्यार्थियों की सहभागिता होने जा रही ज्ञान परीक्षा की आयोजन किया जा रहा है कार्यक्रम संयोजक खड्ग बहादुर बोहरा ने जानकारी दी ।
बिद्यार्थियों को संस्कार और संस्कृति की ज्ञान देने की उद्देश्य की साथ पुस्तक उपलब्ध कराया गया है उसी विषय में केन्द्रित होकर प्रतियोगितात्मक परीक्षा आयोजन होने जा रही है हिन्दू स्वयंसेवक संघ नेपाल के भेरी विभाग संघ चालक तथा अधिवक्ता रामकुमार दीक्षित ने जानकारी दी । उन्हों ने नेपाल की इतिहास, हिन्दू संस्कार, जीवन दृष्टि लगायत की विषय मिलाकर प्रतियोगिता की आयोजन करने की तयारी रही है बताया । वह स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा–२०८१ में कक्षा ६ से १२ कक्ष तक के विद्यार्थी भाग ले पायेंगे कृष्णादेवी पाण्डे ने जानकारी दी । वह स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा–२०८१ परीक्षा में प्रथम होनेवाले को १५ हजार रुपैया, द्वितीय को १० हजार रुपैया और तृतीय होनेवाले को ५ हजार रूपैयाँ की पुरस्कार प्रदान किया जाएगा हिन्दु स्वयंसेवक संघ भेरी÷कर्णाली प्रचारक विभाग के प्रमुख विकुल दाहाल ने बताया । हिन्दू स्वयंसेवक संघ नेपाल ने असल, चरित्रवान् और संस्कारी नागरिक बनाने की उद्देश्य से विगत १० बर्ष से स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा सञ्चालन किया जा रहा है ।
रामलीला मैदान में होने जा रही स्वामी विवेकानन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा में नेपालगञ्ज के करीब ४० विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की सहभागिता होने जा रही है ।
१५ दिन पहले से इस कार्यक्रम की तयारी शुरु की गई ‘तयारी स्वारुप १५ दिन पहले से संघ की किताब वितरण किया जा रहा है, ‘उसी पुस्तक में रही ज्ञान आर्जन करके विद्यार्थी परीक्षा में सहभागी होंगे और वह प्रतियोगिता की नतिजा भी उसी दिन सार्वजनिक किया जाएगा ।’ परीक्षा की नतिजा समिति मार्फत किया जाएगा पत्रकार सम्मेलन में बताया गया ।
बिगत १० वर्ष से हिन्दू स्वयं सेवक संघ नेपाल ने ऐसी कार्यक्रम संचालन करते आ रही है । संघ के अनुसार गतवर्ष देशभर संचालन हुआ था वह कार्यक्रम में ७५ हजार विद्यार्थी सहभागी हुये थे । यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष बाँके के विभिन्न पालिका में भी होत आई है ।
भूमिका ः– बिश्व के प्रायः सभी देशों में धर्म, संस्कृति एवं अपनी राष्ट्रीयता की ज्ञान बिद्यार्थियों को कराना वो लागों की शिक्ष कार्यक्रम की महत्वपूर्ण अंग माना जाता है । दुर्भाग्यवश धर्मभूमि नेपाल में धर्म तथा संस्कृति के बारे में ज्ञान देना कोइृ भी व्यवस्था नही है । बिगत में और अभी हमारी भर्म एवं संस्कृति प्रति अनास्था उत्पन्न करने की योजनाबद्ध प्रयास हो रही है लेकिन हम लोगों ने वह प्रयास की ओर ध्यान और चेतना जागरण के लिये कार्य हुई है नही पाया गया है । नैतिक शिक्षा तथा संस्कृति शिक्षा, जो धर्म तथा संस्कृति और राष्ट्रीयता के प्राण हैं, वह बिषयों को पाठयक्रम से हटाया गया ।
बिद्यार्थियों को अपनी बारे में कुछ जानकारी ही नही दियें । बिद्यार्थियों में अपनी धर्म एवं संस्कृतिप्रति गौरवभाव जागृत करने की कोई भी प्रभावी प्रयत्न नही किया गया राष्ट्र की वर्तमान दुरावस्था की कारण माना जा सकता है ।
धर्म, नैतिकता तथा संस्कृत शिक्षा की ज्ञान कराके हमारे घात्र–छात्राओं को शिक्षित करना नितान्त आवश्यक रही है वह बात को हमारी समाज ने अनुभूति कर रही है । इस दृष्टि से हमारे बिद्यार्थियों को भावनात्मक और आध्यात्मिक रुप में शिक्षित करना नितान्त आवश्यक रही है हमारी समाज ने अनुभूति कर रही है साथ ही समाज को ज्ञान एवं बिज्ञानमय बनाने की प्रयत्न हो रही है । यस दृष्टि से हाम लोगों ने अपने बिद्यार्थियों को भावनात्मक और आध्यात्मिक रुप में शिक्षित करना नितान्त आवश्यक है ।
शिक्षा व्यवस्था में अपनी शाश्ववत धर्म, संस्कृति, नीति एवं राष्ट्रीयता की ज्ञान को प्रमुख स्थान देना आवश्यक है । ज्ञान–बिज्ञान के विभिन्न क्षेत्र में मानवता की बिकास के लिये हमारे पूर्वजों को अद्वितीय योगदान रही है । इस हमारे बिद्यार्थियों को देकर वो लोगों में गौरवमय एवं आत्मविशवास जागृत करना आवश्यक रही है बिचार स्वामी विवेकानन्दकी “ आर्दश बिद्यार्थी ही आर्दश नागरिक बनेंगे” वो उद्घोष को आत्मसात् करते हुये स्वामी विेका नन्द संस्कृति ज्ञान परीक्षा से सुसंस्कृत बिद्यार्थी समाज और सुसंस्कृत नेपाल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका करने की आपेक्षा किया गया है यह भूमिका रही है ।
पत्रकार सम्मेलन में नेपाल पत्रकार महासंघ लुम्बिनी प्रदेश अध्यक्ष शुक्रऋषि चौलागाई, नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके के अध्यक्ष नविन गिरी, नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके के पूर्व अध्यक्ष तथा वरिष्ठ पत्रकार निरज गौतम, विपी अस्तु, भीष्म लोध, विजय मल्ल , देवेन्द्रराज पौडेल , चन्द्रेश्वर त्रिपाठी, हिन्दू स्वयं सेवक संघ नेपाल बाँके जिला के कार्यवाह (सचिव) भोजराज शर्मा, पशुपति शिक्षा मन्दिर के प्राचार्य रतन बहादुर शाही, स्वयंसेवक तथा कार्यालय प्रमुख हीरालाल मौर्या लगायत लोगों की उपस्थिति रही थी ।