राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी के वर्गीकरण के लिए उपवास
जनकपुरधाम/मिश्री लाल मधुकर । राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी के वर्गीकरण के लिए रोहिणी आयोग के रिपोर्ट की अनुशंसा लागू करने, राष्ट्रीय स्तर पर सभी जाति एवं सभी धर्म के जातियों की जातिगत जनगणना करने, बिहार में जातिगत गणना के बाद बिहार सरकार द्वारा केंद्र सरकार को नवमी अनुसूची में शामिल कर 65% आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव के मुद्दे पर जननायक के पुण्य तिथि पर अति पिछड़ा छात्र संघ सीतामढ़ी के द्वारा जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मारक स्थल डुमरा, सीतामढ़ी में एक दिवसीय उपवास का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छात्र संघ के जिला संयोजक शानू बिहारी बिहारी ने किया। कार्यक्रम में कर्पूरी विचार केंद्र, अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ मोर्चा, उपेक्षित एवं पिछड़ा वर्ग संघ के सदस्यों ने जननायक के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए छात्रों के उपरोक्त सभी मांगों का समर्थन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो किशोरी दास प्रदेश ,अध्यक्ष उपेक्षित एवं पिछड़ा वर्ग संघ बिहार ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी के वर्गीकरण किए बिना सामाजिक न्याय का नारा धोखा है। उन्होंने कहा की 2 अक्टूबर 2017 को भारत सरकार ने ओबीसी के वर्गीकरण के लिए रोहिणी आयोग का गठन किया था जिसने 31 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट के महामहिम राष्ट्रपति को सौंपा । इसके बावजूद भारत सरकार द्वारा रोहिणी आयोग केअनुशंसा को प्रकाशित कर लागू नहीं करना देश के 46% अति पिछड़ों के साथ धोखा है।
हिसामुद्दीन अंसारी, प्रदेश संयोजक पसमांदा मुस्लिम महाज ,बिहार ने कहा कि मंडल आयोग के लागू हुए 34 वर्ष हो गए । एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी की कुल लगभग 4000 जातियों में 973 ऐसी जातियां हैं जिसके एक भी आदमी को मंडल आरक्षण का लाभ नहीं मिला और मात्र 97 जातियां ही मंडल आरक्षण का 75 से 90% हिस्सा पर काबीज है। उन्होंने भारत सरकार से अभिलंब रोहिणी आयोग के अनुशंसा को लागू करने की मांग की।
अनिल कुमार सिंह चुम्मन,जिला अध्यक्ष, कर्पूरी विचार केंद्र सीतामढ़ी ने छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि अति पिछड़ा वर्ग की समस्याओं का समाधान करना वक्त की मांग है । आज अति पिछड़ा के छात्र आज अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उपवास पर बैठे हैं। उन्होंने भारत सरकार से अभिलंब उनकी मांगों को पूरा करने पर बल दिया।
राजेंद्र महतो चंद्रवंशी, जिला संयोजक ,अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ मोर्चा ने कहा कि2 जुलाई 2002 को संसद के वर्षा कालीन सत्र में तत्कालीन सांसद ब्रह्मानंद मंडल एवं कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद ने संसद में अति पिछड़ा वर्ग शैक्षणिक प्रशैक्षणिक अधिनियम पेश किया, जिसमें केंद्रीय स्तर पर ओबीसी का वर्गीकरण कर अति पिछड़ा को 19% आरक्षण देने की मांग की थी, लेकिन उसका विरोध सबसे ज्यादा सामाजिक न्याय की आवाज उठाने वाले नेताओं ने ही किया।
नंदकिशोर गुप्ता ने कहा कि जाति एक सच्चाई है ।भारत सरकार से पूरे देश के सभी जातियों के सभी धर्म के जातियों का जातिगत जनगणना कराने की मांग की।
बबलू मंडल ने भारत सरकार से 9वी अनुसूची में शामिल कर बिहार में 65% आरक्षण लागू करने की मांग की।
शानू बिहारी के नेतृत्व में अति पिछड़ा छात्र संघ का प्रतिनिधिमंडल महामहिम राष्ट्रपति के नाम उपरोक्त मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी सीतामढ़ी को सौंपा।
101 छात्रों द्वारा सामूहिक रूप से उपवास को अति पिछड़ा समाज के प्रमुख नेता प्रो किशोरी दासएवं हिसामुद्दीन अंसारी जूस पिलाकर उपवास को समाप्त कराया।
कार्यक्रम को सुदिश कुमार सचिव कर्पूरी विचार केंद्र ,डॉ ब्रजेश शर्मा, नवीन कुमार गुंजेश, केसरदेव लालसाह ,रामजी मंडल, राम बैचेन साह,धीरज ठाकुर, अरविंद ठाकुर ,मनोज ठाकुर ,सुनील मंडल ,अविनाश कुमार ,निक्कू मंडल ,धनंजय सहनी, शंभू पंडित,सत्यजीत गुप्ता, दिनेश कुमार कापर ,पिंटू शर्मा, सुनील साहनी ,मणिकांत पंडित, राकेश कुमार ,पप्पू ,सुधीर चौरसिया, संदीप कुमार ,खुशनंदन शाह, राजू कुमार ,सुरेंद्र हाथी ,भोला मंडल ,सुनील मुखिया, पिक मंडल ,अरमान नट,शाहिद नट ,खुर्शीद अंसारी, संजीत साहनी, रवि शाह, संजीत रावत, मुन्ना ठाकुर, बबलू शर्मा ,पांडव महतो ,अनीश पाल, सुधीर चौरसिया ,चंदन दास, रंजन चंद्रवंशी ,राज कपूर कुमार, नीतिश मंडल, जय नंदन मंडल, सौरव मंडल ,निक्कू मंडल ,नीरज कुमार सहित दर्जनों लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम में सैकड़ो लोग उपस्थित थे।
