Sun. Mar 23rd, 2025

ओडिशा के किट में अधिकांश विद्यार्थी लौटें, अध्ययन-अध्यापन शुरू

Photo Courtesy KIIT
भुवनेश्वर, मार्च 05, 2025 । भारत के ओडिशा राज्य में स्थित कालिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) विश्वविद्यालय में पिछले दिनों उत्पन्न तनाव अब धीरे-धीरे शांत हो रहा है। नेपाली छात्रा प्रकृति लम्साल की होस्टल में संदिग्ध मृत्यु के बाद शुरू हुए विवाद और नेपाली विद्यार्थियों पर हुए कथित दमन के बाद विश्वविद्यालय छोड़ने को मजबूर हुए करीब 85 प्रतिशत नेपाली विद्यार्थी अब वापस होस्टल लौट आए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, बुधवार शाम तक 913 नेपाली विद्यार्थी वापस आ चुके हैं, जबकि वहां कुल 1,169 नेपाली विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
स्थिति सामान्य होने की ओर
विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर घटना के लिए माफी मांगी और उन्हें वापस लौटने का आग्रह किया। इस प्रयास के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। प्रशासन ने 900 से अधिक नेपाली विद्यार्थियों के लिए हवाई टिकट की व्यवस्था भी की, ताकि वे आसानी से वापस आ सकें। उपकुलपति प्रो. शरणजीत सिंह ने दिल्ली स्थित नेपाली राजदूत शंकर शर्मा को लिखे पत्र में बताया कि 828 नेपाली विद्यार्थी होस्टल में मौजूद हैं, 85 इन्टर्नशिप के लिए बाहर हैं, और बाकी विद्यार्थी भी लौटने की प्रक्रिया में हैं।
उन्होंने कहा, “नेपाली विद्यार्थियों की शैक्षिक गतिविधियां, परीक्षाएं और रोजगार कार्यक्रम फिर से शुरू हो गए हैं। जो विद्यार्थी अतिरिक्त कक्षाएं या परीक्षा नहीं दे पाए, उनके लिए पुन: परीक्षा का शेड्यूल तैयार किया गया है। विश्वविद्यालय सभी विद्यार्थियों की सुरक्षा और समावेशी माहौल के लिए प्रतिबद्ध है।”
पढ़ाई-लिखाई शुरू, परीक्षाओं का नया शेड्यूल
कंप्यूटर साइंस के तीसरे वर्ष में पढ़ने वाले पाल्पा के विप्लव आचार्य ने बताया कि होस्टल और कॉलेज परिसर का माहौल अब सहज हो रहा है। उन्होंने कहा, “होस्टल के वार्डन और सिक्योरिटी गार्ड बदले गए हैं। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से हमसे मिलने आ रहे हैं। ज्यादातर नेपाली विद्यार्थी लौट चुके हैं। जो परीक्षा नहीं दे पाए, उनके लिए 10 से 14 मार्च तक नया शेड्यूल लाया गया है।” तीसरे और चौथे वर्ष के विद्यार्थियों की मिड-सेमेस्टर परीक्षाएं भी चल रही हैं।
जांच में तेजी
घटना की जांच के लिए कई स्तरों पर कार्रवाई चल रही है। भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने विशेषज्ञों की एक टीम बनाकर स्थलगत जांच शुरू की है और 26 फाल्गुन (मार्च 10, 2025) तक रिपोर्ट मांगी है। ओडिशा पुलिस और राज्य सरकार की उच्चस्तरीय समिति भी जांच में जुटी है। दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास के कन्सुलर सञ्जीव शर्मा दास ने कहा, “हम रोजाना विद्यार्थियों और कॉलेज प्रशासन से संपर्क में हैं। 900 से अधिक विद्यार्थी लौट चुके हैं और परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।”
घटना का पृष्ठभूमि
फाल्गुन 4 को प्रकृति लम्साल होस्टल में मृत पाई गई थीं। उनकी संदिग्ध मृत्यु की जांच की मांग को लेकर नेपाली विद्यार्थियों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान कॉलेज प्रशासन ने कथित तौर पर दमन किया और फाल्गुन 5 को विद्यार्थियों को जबरन होस्टल से निकाल दिया था। घटना की भारत और नेपाल में व्यापक आलोचना हुई। नेपाल सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप किया, जबकि भारत के संसद और मीडिया में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई। विश्वविद्यालय ने 20 से अधिक कर्मचारियों को निलंबित किया है।
आगे की राह
केआईआईटी में पढ़ाई-पढ़ाई फिर से पटरी पर लौट रही है। प्रशासन का दावा है कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों और अभिभावकों का भरोसा जीतने की कोशिश जारी है, वहीं जांच के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है।

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *