समाज में कुरीति अन्त्य करने के लियें जोड
नेपालगन्ज,(बाँके) पवन जायसवाल २०७१, फाल्गुन २६ गते ।
बाँके जिला नेपालगन्ज में कुरीति जन्य हिंसा की अवस्था और नागरिक समाज की भूमिका विषयक कार्यक्रम में समाज में विद्यमान रही कुरीति अन्त्य करने के लियें समाज के सभी पक्षों से सकारात्मक रुप में आवाज उठाकर प्रयास करने के लियें कार्यक्रम के सहभागियों ने जोड दिया है ।
कुरीति अन्त्य समाज बा“के के आयोजन में सम्पन्न कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि माननीय सभासद् आशा विक ने कार्यक्रम में बोलते हुयें कहा कानून से मात्र समाज में स्थापित कुरीतिया“ की अन्त्य हो नही पायेंगी इस लियें स्वयंम महिलाए“ को अग्रसर होना पडेगा बतायी ।
कुरीति जन्य हिंसा की अवस्था और नागरिक समाज की भूमिका विषयक कार्यक्रम में सहभागियों ने कहा यदि समाज परिवर्तन करना है तो महिलाए“ को सशक्त बनाना आवश्यक रही है सभी लोगों ने जोड दिया है । सभासद आशा विक ने कहा कानून ने महिलाए“ को समान अधिकार न देनें से ही ऐसा हुआ है अब बनने वाली संविधान में लैगिक मैत्री बनाने कके लियें में प्रतिवद्ध रही हू“ जिकिर कि । लैगिक मैत्री संविधान बनान के लियें मै सभी दलों बातचीत किया हू“ और लैगिक मैत्री संविधान न देने वाले दलों को बहिस्कार करने के लियें, और संविधान सभा में हम लोग कान में तेल नही बैंठी हू“ सभासद आशा विक ने बतायी । राष्ट׫ीय मानव अधिकार आयोग नेपालगन्ज के क्षेत्रीय संयोजक मुरारी प्रसाद खरेल ने धार्मिक, सामाजिक और सँंस्कृतिक बन्देज के कारण से भी महिला पुरुष समान है और दोनों की भूमिकाए“ देश विकास में बराबर रही है मुद्दा को चुनौती दिया है बताते हुयें अब ऐसाा कुरीतिया“ के विरुद्ध सभी एक होकर आवाज उठाने के लिउें अनुरोध किया ।
इसी तरह अन्तर पार्टी महिला सञ्जाल बा“के की अध्यक्ष नारायणी रुपाखेती ने कुरीतिया“ के विरुद्ध नगरिकों को निगरानी आवश्यक रही है बातों पर जोड देते हुयें कुरीति विरुद्ध शून्य सहनशीलता विकास जरुरी रही है बतायी । साथी संस्था बा“के की अध्यक्ष सरिता शर्मा ने कुरीति विरुद्ध अब सतही रुप में जाना आवश्यक रही है जोड देते हुयें आम समुदाय ने ऐसी कुरीति विरुद्ध खबरदारी की भूमिका निर्वाह करके सम्बन्धित निकायों को जिम्मेवार बनाने की भूमिका निभाना पडेगा बतायी ।
कार्यक्रम में मन भण्डारी, राजकुमार नेपाली, शाहिदा शाह, आलम
खान, अमृता केसी, शोभना मिश्र, रुपा गहतराज, कल्पना पौडेल, रुपनी जिएम, कृष्ण विक लगायत लोगों ने बोला था । कार्यक्रम में पत्रकार पूर्णलाल चुके ने कुरीति की अवस्था और समस्या के विषय पर
अवधारणा–पत्र पेश करते हुयें कहा आज की लोकतान्त्रिक तथा खुला समाज मैं भी धर्म सम्प्रदाय, समुदाय और जातियता के से कोई न कोई रुप में जुडा अन्धविश्वास, रुढीवादी संस्कारों से जुडा हुआ ऐसी विकृतिया“ को कुरीति, कुप्रथा और कुपरम्परा से बाधा है जिस के कारण हमारे समाज में समय समय पर घट रही अनेक प्रकार की अशोभनीय और अप्रिय घटनाए“ से व्यक्ति सम्मानपूर्वक जीने की नैसर्गिक तथा आधारभूत मानव अधिकार से समेत बञ्चित होने की अवस्था की सिर्जना होती रहती है । ऐसी घटनाए“ से विशेष करके महिला तथा बालबालिकाए“ अधिक प्रभावित होती है । इसे उनलोग मानसिक, शारीरिक, सा“स्कृतिक तथा
आर्थिक रुप में उत्पीडित, शोषित तथा घरेलु हिंसा से पीडित हुयें है ।
मानव अधिकार के लियें एकल महिला संमूह की क्षेत्रीय संयोजक शोभा विसी ने स्वागत की थी । समाज की अध्यक्ष जयन्ती केसी के अध्यक्षता में हुआ कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में क्रियाशील प्रतिनिधियों कीे सहभागिता रही थी और कार्यक्रम संचालन सचिव उमा थापामगर ने कि थी क।