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इन्डो नेपाल फ्रेन्डशिप इवेन्ट, दिलों की गलतफहमी को संगीत से दूर करने का प्रयास

अमिन चन्द्राकर,
अमिन चन्द्राकर,
काठमांडू, ९ दिसिम्बर | इन्डो नेपाल फ्रेन्डशिप इवेन्ट, सांस्कृतिक और पर्यटन प्रदर्शनी.(३०,३१दिसम्बर से १,२जनवरी२०१७)
नेपाल भारत का सम्बन्ध सदियों का है और आगे भी रहेगा । नेपाल और भारत के मधुर सम्बन्ध को समय समय पर कटुता भी झेलनी पड़ती है किन्तु रिशतों की गहराई ऐसी है कि यह तनाव ज्यादा समय तक टिक नहीं पाता है । इस रिश्ते को और भी मजबूत बनाने के लिए भारत की सुप्रसिद्ध संस्था क्रेजी चेप्स के द्वारा इन्डो नेपाल फ्रेन्डशिप मेला का आयोजन ३०,३१ दिसम्बर और १.२ जनवरी(२०१६÷१७) को होने जा रहा है । प्रस्त’त है क्रेजी चेप्स के अध्यक्ष अमीन चन्द्रकार से हिमालिनी की संपादक श्वेता दीप्ति की एक खास मुलाकात के दरमियान कार्यक्रम से सम्बन्धित हुई विशेष बातचीत का सम्पादित अंश ः
१. नेपाल की धरती पर आपका स्वागत है । इन्डोनेपाल फ्रेन्डशिप मेला की अवधारणा आपके दिमाग में कैसे आई ?
नेपाल और भारत का सम्बन्ध बहुत पु्राना है, हमारी नजदीकी का उदाहरण हमारी खुली सीमाएँ हैं । भारतीय संगीत, भारतीय नृत्य, भारतीय फिल्म इन सभी को नेपाल की जनता का भरपूर प्यार मिलता है । किन्तु कुछ वक्त से ऐसा लग रहा है कि इस रिश्ते में क’छ ठंडापन सा आ गया है । राजनीतिक स्तर पर रिश्तों के बीच आए इस ठन्डेपन को दूर करने की कोशिश हम सांस्कृतिक स्तर पर कर रहे हैं । हम जानते हैं कि संगीत और नृत्य की कोई सीमा नहीं होती और हम दो देश तो सांस्कृतिक धरातल पर एक जैसे हैं इसलिए हमारी संस्था ने नेपाल की धरती को चूना है । रिश्तों में जो गलतफहमी आई है मुझे विश्वास है कि हमारा यह कार्यक्रम उसे दूर करने में सहायता करेगा । हम सदियों से एक हैं, अगर हमारे रिश्ते खराब होते हैं तो इसका फायदा किसी और को मिल सकता है । हमें रिश्तों को सुधारना है जिसकी ओर हमारी यह एक छोटी सी कोशिश है ।
२. नेपाल में इस आयोजन के लिए आपको कहाँ कहाँ से सहायता मिल रही है ?
हम नेपाल सरकार के आभारी हैं कि वो हमें  पूरी मदद दे रहे हैं । सबसे अधिक मैं नेपाल इन्डो फ्रैन्डशिप यूथ एशोशियसन का शुक्रगुजार हूँ जिनकी ओर से हमें पूरी सहायता मिल रही है । इसी तरह नेपाल पर्यटन बोर्ड, नेपाल एयरलाइन्स, रोट्रेक्ट क्लब, हिमालया टेलीविजन, मारवाडी युवा मंच, यश एडवरटाइजिंग और हिमालिनी का आभारी हूँ । हमने कोशिश की थी कि भारतीय द”तावास हमारा सहयोग करेंगे पर वहाँ से हमें नाउम्मीदी ही मिली । जो भी मदद मिल रही है वो यहाँ की जनता और सरकार से मिल रही है एसके लिए हम उनका दिल से आभारी हैं ।
३. इस आयोजन की उपलब्धि क्या हो सकती है ?
बहुत कुछ हो सकती है । पहले तो हमारे बीच की कटुता को कम करने का अवसर मिलेगा साथ ही वर्ष का अंतिम महीना है काठमान्डू में इस वक्त पर्यटकों का आते हैं और यह कार्यक्रम इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है । कार्यक्रम के द्वारा पर्यटक आकर्षित होंगे यह हमारा विश्वास है और इसका लाभ भी सबको मिलेगा । दूसरी बात कि इस कार्यक्रम से हमारी संस्कृति का आदान प्रदान होगा । इतना ही नहीं यहाँ के जो लोकनृत्य है जिनका प्रचार प्रसार कम है उसे आगे लाने का काम हम कर रहे हैं । और इसकी आवश्यकता भी है नहीं तो हमारी यह लोककला, लोक संस्कृति, नृत्य सब लुप्त होने की कगार है । इसे जिन्दा रखने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है ।
४. कई बार लोककलाओं पर पाश्चात्य की झलक देखने को ज्यादा मिल जाती है इसके विषय में आप कुछ कहेंगे ?
जी हाँ, आपका कहना सही है । मैंने यहाँ भी देखा है कि आम लोगों के रहन सहन पर भी पाश्चात्य संस्कृति का असर बहुत है । कला पर भी इसका असर है पर हमारी यह कोशिश होती है कि लोककला को उसके शुद्ध रुप में ही प्रस्तुत करें ताकि उसकी खूबसूरती बनी रहे ।
५. कार्यक्रम की रूपरेखा कैसी है और यह कहाँ होने वाला है ? 
कार्यक्रम खूलामंच के मैदान में होगा ।  पूरे मैदान में पाँच स्टेज होंगे । मुख्य मंच पर यहाँ की लोक संस्कृति और लोक गीतों का आयोजन होगा और उसके बाद मैदान के चारों कोने पर जो स्टेज बनेंगे उसमें भारतीय नृत्य जैसे राजस्थानी, मराठी, पंजाबी, बीहु, बालीवूड डान्स, रसियान बेली, राजस्थानी झूमर और यहाँ के झिझिया, दोहरी, देवडा, सामा चकेवा, जाटजटिन, कव्वाली आदि दिखाए जाएँगे । बीच में जो मंच होगा उसमें गोवा का मुख्य आर्कषण सालसा दिखाया जाएगा ।
६. इसके टिकट कहाँ कहाँ उपलब्ध होंगे ? 
टिकट कार्यक्रम स्थल पर ही प्राप्त होंगे । वहाँ कई स्टाल भी लगाए जाएँगे जो नेपाली और भारतीय संस्कृतियों की झलक दिखाएँगे साथ ही नेपाली और भारतीय भोजन के भी स्टाल होंगे ।
७. कार्यक्रम में कलाकार कहाँ के होंगे कुछ के नाम बताएँ ?
भारतीय कलाकारों के अलावा यहाँ के कलाकारों की उपस्थिति भी होगी । हमारे अतिथियों में हमारी कोशिश है कि हम डैनी जी, परेश रावल जी तथा गोविन्दा जी को बुलाएँ साथ ही कलाकारों में शेफाली जरीवाला, शिवानी कश्यप, एहसान कुरैशी, अल्ताफ रजा तथा यहाँ के जीत’ नेपाल, प्रियंका कार्की, इंदिरा जोशी आदि के आने की संभावना है । उसके पहले प्रेस कान्फ्रेस में महिमा चौधरी जी आ रही हैं ।
साथ ही हमारी कोशिश है कि कार्यक्रम का उद्घाटन यहाँ के प्रधानमंत्री श्री पुष्पकमल दहाल जी के हाथों हो, उपप्रधानमंत्री विमलेन्द्र जी को भी हम सम्पर्क कर रहे हैं ।
८. कार्यक्रम के और भी कोई मुख्य आकर्षण ?
हमने स्कूल के बच्चों के लिए और कालेज के बच्चों के लिए भी प्रतियोगिताएँ रखी है ।  इनको नृत्य, चित्रकला, गायन आदि का अवसर दिया जाएगा जिसमें ये अपनी प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन कर पाएँगे । बच्चों के लिए हमने चित्रकला का विषय दिया है इन्डो नेपाल फ्रैन्डशिप । जिस पर वो अपनी प्रतिभा दिखाएँगे ।
९.आपकी संस्था के कितने ब्रांच हैं ?
हमारी संस्था भारत के कई जगहों पर काम कर रही है जिनमें ६ ब्रांच मुख्य हैं जो मुम्बई, रायपुर, देलही, हैदराबाद, छत्तीसगढ, पटना में हैं । हम देश विदेश में कार्यक्रम का आयोजन करते आए हैं  ।
आपका कार्यक्रम सफल हो और उद्देश्य की पूर्ति हो हिमालिनी की शुभकामनाएँ हैं ।
आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद और नववर्ष की शुभकामना है ।



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