भारतीय सहयोग की आवश्यकता है : पूर्व उपराष्ट्रपति परमानन्द झा
काठमांडू, ३० जनवरी | सन्दर्भः भारत के ६८वें गणतन्त्र दिवस,
सन् १९५० जनवरी २६ में भारत ने अपना पूर्ण लोकतान्त्रिक संविधान पाया । उसी दिन भारत को गणतन्त्र घोषणा किया गया । और उसी दिन से भारत के अतिरिक्त काठमाडौं स्थित भारतीय राजदूतावास के द्वारा गणतन्त्र दिवस मनाया जाता है । भारत लोकतान्त्रिक मूल्य और मान्यताओं को कायम रखते गणतन्त्र को मजबूत बना सका है । नेपाल में भी गणतन्त्र आया हुआ एक दशक हो गया, लेकिन लोकतन्त्र को मजबूत नहीं बना सका है । यह बातें भारत के ६८वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर नेपाल–भारत मैत्री समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति परमानन्द झा ने कहीं ।
पूर्व उपराष्ट्रपति परमानन्द झा ने कहा कि सदियों से भारत ने नेपाल के उत्थान एवं विकास में सहयोग करता आ रहा है । चाहे वह शिक्षा हो, चाहे स्वास्थ्य हो, चाहे निर्माण कार्य ही क्यों न हो । बताया कि इतना सहयोग करने के बावजूद भी नेपाल के मधेश में अवस्थित हुलाकी राजमार्ग में अभी तक कुछ भी सुधार नहीं हो सका है ।
विदेश मन्त्री डॉ. प्रकाशशरण महत ने कहा कि भारत आर्थिक क्षेत्रों में तीव्रता के साथ आगे बढ़ रहा है । भारत की यह सफलता प्रेरणादायी सफलता है । भारत की इस सफलता को हमें भी अनुकरण करने की आवश्यकता है । नेपाल भूपरिवेष्ठित देश होते हुए भी यहाँ विकास की बहुत संभावना है । परन्तु आन्तरिक द्वन्द्व में उलझने के कारण विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ नहीं पा रहा है ।
विशिष्ठ अतिथि के रुप में राष्ट्रिय प्रजातन्त्र पार्टी के वरिष्ठ नेता पशुपति शमशेर राणा ने कहा कि लम्बे अरसे के बाद भारत में बहुमत की सरकार बनी है । वहाँ की सरकार में स्थिरता है । इसलिए विकास के क्षेत्रों में बहुत आगे जा चुका है । हमें भारत से शिक्षा लेनी चाहिए । बताया कि नेपाल प्राकृतिक सम्पदा की दृष्टि से धनी होते हुए भी हम उनसे लाभ नहीं ले पा रहे हैं ।
विशिष्ठ अतिथि के रुप में सद्भावना पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष राजेन्द्र महतो ने मौके पर भारत और भारतीय जनता को बधाई देते हुए कहा कि नेपाल और भारत के बीच में जो मित्रता रही है, जो सम्बन्ध रहा है, उनमें बढ़ोत्तरी हो । उन्होंने कहा कि नेपाल का सम्बन्ध अन्य देशों से भी है, लेकिन जितना प्रगाढ़ सम्बन्ध भारत से है, उतना अन्य देशों से नहीं है । नेपाल और भारत के बीच सदियों से प्राकृतिक सम्बन्ध रहा है । उन्होंने कहा कि जितना सहयोग भारत ने किया है, हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए ।
तराई–मधेश सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष महेन्द्र राय यादव ने कहा कि नेपाल और भारत के बीच पारिवारिक सम्बन्ध रहा है और इस सम्बन्ध को कोई नहीं तोड़ सकता है । बताया कि नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से विकास कार्य अवरुद्ध हुआ है । नेपाल में जब तक चुरे क्षेत्र का संरक्षण वह विकास नहीं होगा, तब तक भारत के बिहार और उत्तर प्रदेश तथा नेपाल के दक्षिण इलाकों की जनता की समस्याएं हल नहीं हो सकती है ।
नेकपा एमाले के वरिष्ठ नेता माधवकुमार नेपाल ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में भारत, एशिया में सबसे आगे है, नेपाल उनसे शिक्षा लेनी चाहिए । उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों की संवेदनशीलता को मद्देनजर करते आगे बढ़ना चाहिए ।
राष्ट्रीय प्रजातन्त्र पार्टी के अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र लोहनी ने बताया कि सदियों से भारत, नेपालका हितैषी रहा है । नेपाल को हर प्रकार से सहयोग किया है । उम्मीद है कि आगे भी सहयोग करता रहेगा । उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल देश है, उनकी बड़ी सभ्यता रही है । भारत के लोकतन्त्र का जो मूल्य व मान्यता है, वह दक्षिण एशिया में वरदान सिद्ध हुआ है ।
पूर्व अर्थमन्त्री डा. प्रकाश शरण शरण महत ने कहा कि दोनों देशों के सम्बन्ध को और प्रगाढ़ बनाने के लिए यह कार्यक्रम सेतु का काम किया है । मौके पर उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास की दृष्टि से विश्व में भारत का छठवां स्थान है । नेपाल विगत दो दशकों से आन्तरिक द्वन्द्व में उलझने की वहज से विकास में बहुत पिछे है ।
मौके पर भारतीय राजदूत रंजीत राय ने कहा कि विगत के वर्षों में नेपाल में काफी विकास हुआ है । रेलवे, हुलाकी राजमार्ग एवं निर्माण कार्य के क्षेत्रों तीव्रता से कार्य हो रहा है । उन्होंने कहा कि पञ्चेश्वर परियोजना के डीपीआर चन्द दिनों में सम्पन्न हो जाएगा और अरुण–३ कि परियोजनाएं भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है ।
नेपाल–भारत मैत्री समाज के अध्यक्ष प्रेम लस्करी ने अपने स्वागत मन्तव्य में कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं निर्माण कार्य जैसे क्षेत्रों में भारत का बहुत बढ़ा योगदान रहा है । उन्होंने कहा कि मैत्री समाज के द्वारा भूकम्प प्रभावित इलाकों में खाद्य सामग्रियां, औषधि वितरण एवं निर्माण कार्य सम्पन्न किया जा चुका है ।
पूर्व शिक्षामन्त्री चित्रलेखा यादव ने कहा कि भारत के बीच अनुपमेय, कालजयी एवं भावनात्मक सम्बन्ध रहा है । इस सम्बन्ध को कोई भी तोड़ नहीं सकता है । उन्होंने कहा कि जब हम भारत जाते हैं, तो हमें अपना घर–सा महसूस होता है । और जब भारतीय नेपाल आते हैं तो उन्हें भी अपने घर–सा महसूस होता है । भारत से हमें बहुत सहयोग मिला है और उम्मीद है कि आगे भी सहयोग मिलता रहेगा ।
मौके पर वरिष्ठ मानवाधिकार कर्मी, दमननाथ ढुंगाना, नागरिक समाज के अगुआ डा. सुन्दरमणि दीक्षित, राजनीतिक विश्लेषक निलाम्बर आचार्य, सद्भावना पार्टी के महासचिव मनिषकुमार सुमन, तराई–मधेश लोकतान्त्रिक पार्टी की केन्द्रीय सदस्य पुष्पा ठाकुर, भारतीय राजदूतावास के डिपुटी चीप ऑफ मिशन विनय कुमार, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त भोजराज पोखरेल, नेपाल राष्ट्रीय मारवाडी परिषद् के उपाध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल भी मौजूद थे ।
भारतके ६८वें गणतन्त्र दिवस के मौके पर यह रिसेप्सन कार्यक्रम नेपाल–भारत मैत्री समाज के द्वारा २६ जनवरी को होटल सोल्टी क्राउन प्लाजा में आयोजन किया गया था । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेम लस्करी ने की थी और आभार ज्ञापन लोकविक्रम थापा ने किया था ।
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