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मधेसी समुदाय को ही लक्षित कर गोली चलाई गई : मलेठवासी

 maleth
रोशन झा २६ फाल्गुन, राजबिराज (सप्तरी मलेठ घटना की ग्राउण्ड रिपोर्टिड़ग)
फागुण २३ गते सोमवार को ऐमाले द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसका सम्बोधन एमाले नेता ओली करने वाले थे |  मधेसी मोर्चा के कार्यकर्ता काला झण्डा के साथ नाराबाजी करते हुए ओली का बिरोध जता रहे थे । स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी राम प्रसाद यादव के अनुसार प्रहरी ने मधेसीयों को लक्षित करके मलेठ मे सु-नियोजीत ढंग से इसे हिंसात्मक मोड़ दे दिया  । पानी का ट्याङकर वहीं रहने के बावजुद पानी का फोहरा का प्रयोग नही किया गया |

प्रहरी ने प्रदर्शनकारीयों पर अन्धाधुन्द गोली चलाना शुरू कर दिया | प्रहरी की गोली लगने से अभीतक १. संजन मेहता; मलेठ-2, २. पिताम्बर मंडल; मलेठ-4, ३. आनन्द साह; प्रसवनी और ४. बिरेन्द्र मेहता; मलेठ-4 सहित चार व्यक्ति वीरगति को प्राप्त हो चुके है । घायलों की संख्या ५० से उपर है |कुछ लोग लापता भी हैं उनका पता लगाया जा रहा है । बुधवार के सुबह में गेहुँ के खेत से प्रसवनी के दो बालक लठ्ठी की चोट से घायल अवस्था में मिला है, मंगलवार को  भी एक आदमी खेत से बरामद हुआ था । स्थानीय लोग सरकार और ओली पर काफी आक्रोशित है | राजबिराज निवासी तुलानाथ माझी के अनुसार मधेसी को बिहारी और भारतीय कहने वाले नेपाल सरकार और नेपाली राजनीतिक दल बिभेदकारी रणनीति अपनाकर उन्हे अधिकार से बञ्चित करने के लिए ऐसा षडयन्त्र किया है । उनका कहना है कि सहिद आनन्द साह डिबन उप-स्वास्थ्य चौकी का सि. अ. हे. व. ईन्चार्ज एवं ट्रेड युनियन कांग्रेस में सक्रिय थे |उस समय वो कार्यालय से घर जारहे थें | गोली से घायल दिगम्बर यादव अधिवक्ता है और बार एशोशिएसन सप्तरी के कोषाध्यक्ष भी है | वे  रुपनी से राजबिराज आ रहे थें और उन्हे घटना स्थल से एक किलो मिटर दुर ही गोली लगी थी। लोगों का कहना है की पुलीस ने वहाँपर मधेसीयों को नश्ल के आधारपर गोली मारी है ।

पुलिस की गोली से क्षतिग्रस्त पेड़
पुलिस की गोली से क्षतिग्रस्त पेड़
मैंने जब गाऊँवासी से पूछा कि आप ईस घटना को किस हिसाब से देखते है तो राम अवतार यादव लगायत उपस्थित लोगों ने कहा कि ये मधेसीयों के प्रति ओली और राज्य द्वारा षडयन्त्र पूर्वक की गई नरसंहार ही है, हजारौं राउन्ड यहाँ गोलीया चलाई गई । घर-घर में तीन किलो मिटर दुरतक गोली का खोका मिल रहा है आसपास के वृक्षों को गोली ने भेद दिया है । घटना स्थल में मौजुद एक नौजवान का कहना है कि ऐमाले के तीन महिने का बुटवल आन्दोलन में वही नेपाली प्रहरी सुरक्षा देती है और सप्तरी में मधेसीयों के तीन घन्टे का शान्तिपूर्ण बिरोध प्रदर्शन में पुलीस गोली चलाकर निहत्थे मधेसीयों की हत्या करती है क्या नेपाल सरकार और कानुन ईस घटना के प्रमुख दोषी केपी ओली और पुलीसकर्मी को कार्वाही कर पाएगी…..?  उपरोक्त घटना क्रम मे एक तथ्य क्या सामने आ रही है कि मलेठ-4, राजबिराज में बिरोध प्रदर्शनकारी ही नही वल्कि मधेसी समुदाय को ही लक्षित कर गोली चलाई गई है। यह एक अहम सवाल बन गया है कि उक्त निन्दनीय घटना का सत्य तथ्य छानविन कर सरकार कब दोषीयों को कार्वाही करेगी । मधेस के जगह-जगह पर बिरोध प्रदर्शन जारी है मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ऐमाले नेता सुमन प्याकुरेल और रंजू ठाकुर के घर मे भी तोडफोड किया है ।
शोकसंतप्त परिवार
शोकसंतप्त परिवार

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