मधेशी नेताअाें के सामने मधेश निर्माण का शुभ महाेरत : अब्दुल खानं
अब्दुल खानं,प्रवक्ता- स्वतन्त्र मधेश गठबन्धन। मधेश अपने अाप मे एक सक्षम,सबल अाैर बेहतर राष्ट्र हाेने की जानकारी हमे तमाम साेधकार्याे से मिलती है। मधेश काे शासक बर्ग चाहे जितने टुकडाें मे बांट दें या सत्ता स्वार्थ हेतु जितने चरण का नाम देकर चुनाव की तिथि घाेषणा करे मधेश की एकता अाैर भावना मे फरक पडने वाला नही है, क्याेकि मधेश मधेशी का संस्कार से जुडा हुवा समाज है वह काेई शासक द्धारा निर्माण लकिर नही है जिसे जब चाहे मिटा डालें। मधेश के पास वह सारी पहलु माैजुद है, जाे ऐक देश के लिए चाहिए। मधेश के नेतागण के अनुसार ही कहा जाय ताे मधेश अपने अाप मे ऐक राष्ट्र है |
डा. सि. के राउत ने तमाम वैज्ञानिक अाधार पर सिद्ध कर दिया है कि मधेश के उपर नेपालियाें का अाैपनिवेशिक शासन है,जैसे कभी भारत के उपर अंग्रेजाे का शासन था। उन्होंने मधेश का ईतिहास जैसी ग्रथं लिखकर मधेश काे अादी काल से वर्तमान तक कि सारी जानकारी मधेशियों काे दे डाली है। सन १९३३ मे हुवे माेन्टे भिडियाे कन्भेनसन कि जाे ऐक राष्ट्र हाेने कि चार सर्ते हैं। १. निश्चित जन्संख्या। २. निर्धारित भूगाेल। ३. अपनी सरकार। ४. अन्तरास्ट्रिय सम्बन्ध बनाने की क्षमता। इस समझाैता के अनुरुप मधेश के पास सिर्फ उसकी अपनी सरकार नही है बाकीं सभी सर्तें माैजुद है, उन्ही शर्तो काे अलग थलग करने के लिऐ नेपाली शासक लाेग अनेक प्रपचं रचकर मधेश काे कमजाेर बनाने मे लगे हैं।
मधेश के नेताअाें के अागे अब सही शुभ महाेरत का समय अगया है अपनी सरकार बनाने का, शासक वर्ग जाे अनेक ताेडफाेड का हथखण्डा अपना रहे है, इसी मे जाे दाे नं. का प्रदेश ” मधेश प्रदेश ” है उस्से शासक वर्ग पुरी तरह नाकाम हाे चुका है, लगभग उससे हार ही मान चुका है, इस माैके पर यदि मधेशी नेता सही नियत के साथ मधेश राष्ट्र निर्माण करना चाहते है ताे तुरन्त नेपाल के संसद से राजिनामा देकर दाे नं. प्रदेश के किसी भी सहर मे अान्तरिम मधेश का संसद गठनकर मधेश देश के लिऐ अावश्यक प्रक्रिया मधेश संविधान, चुनाव,संमरचना बनाने का कार्य अागे बढायें अाैर अन्तर्राष्ट्रिय समुदाय से मान्यता के लिऐ अपिल करें। बाकीं मधेश के भूक्षेत्र काे चरण/ चरण कर मधेश देश मे मिलाऐं। मुझे पूरा भराेषा है मधेशी जनता समर्थन अाैर सहयाेग करेगी। दुसराे के बनाऐ हुवे संविधान की त्रुटी देखने से कहीं बेहतर अपना विना त्रुटी का संविधान निर्माण करे, अपना अधिकार खुद अपने हाथाें से लिखें यदि उसमे काेई कमी हाेती है उसे संसाेधन करने के लिऐ अापकाे बुर्वानी नही देनी पडेगी क्याेकि वह अापका हाेगा। वैसे मधेश के पास साझा भाषा,साझा संसकृती,साझा भूगाेल,साझा मनाेवैज्ञानिक विचार अाैर साझा अार्थिक जीवन अादी माैजुद है जाे ऐक देश के लिऐ हाेनी चाहीऐ। अापका अपना देश हाेगा तभी अाप थरुहट, अवध,मगध,मिथिला,काेचिला आदि की रक्षा कर सकते हैं।