सडक संर्घष् को तैयार मधेश महासभा
हिमालिनी डेक्स
मधेश के लिए कार्य करने वाली दो दर्जन से अधिक संघ संस्थाओं ने मिलकर मधेश महासभा के संयुक्त आहृवान में अपने अधिकार के लिए सडक संर्घष्ा करने के लिए तैयार है। संविधान जारी करने की तारीख जैसे जैसे करीब आती जा रही है वैसे वैसे ही संविधान में मधेश के मुद्दों को समावेश ना किए जाने की आशंका बढ रही है। ऐसे में मधेश महासभा जो कि मधेश के लिए एक साझा मंच प्रदान कर रही है उसी के तहत सभी संघ संस्थाओं बुद्धिजीवी नागरिक समाज पत्रकार आदि ने मिलकर अपने अधिकार के लिए संर्घष्ा करने की घोषणा की है।
मधेश महासभा द्वारा वैशाख ८ गते काठमाण्डू में आयोजित प्रतिबद्धता सभा में इन दो दर्जन से अधिक संगठनों के प्रमुख और अन्य प्रतिनिधियों ने संविधान में मधेश के सभी मांगों को नहीं समेटे जाने की स्थिति में आन्दोलन करने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में करीब दो दर्जन से अधिक सभासद भी मौजूद थे जिन्होंने अपने दल से ऊपर उठकर इस कार्यक्रम में शिरकत की और आन्दोलन में साथ रहने की बात कही।
कार्यक्रम में उपस्थित मधेशी सभासदों ने वैशाख १५ गते तक संविधान का प्रारम्भिक मसौदा नहीं आने पर मधेशी मोर्चा को सरकार से वापस आने की मांग करते हुए नए संविधान के मसौदा में यदि मधेश के साथ बर्ेइमानी की गई तो सामूहिक इस्तीफे की भी घोषणा की थी। इस तरह से मधेश के अधिकार के लिए सामूहिक घोषणा करने वालों में फोरम गणतांत्रिक के तरफ से सरकार में मंत्री रहे राजलाल यादव ने कहा कि सरकार में मधेशी मोर्चा के रहने के बावजूद मधेश के मुद्दों पर कोई ठोस काम नहीं हो पाया है। इसलिए ऐसे समय में मधेशी मोर्चा के नेताओं को सरकार में बने रहने का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है। राजलाल यादव ने कहा कि मधेशी मोर्चा को तत्काल सरकार से वापस हो जाना चाहिए और मधेश के मुद्दों को संविधान में सुनिश्चित करने के लिए आन्दोलन करते हुए दबाब बनाना चाहिए।
इसी तरह फोरम लोकतांत्रिक के सह अध्यक्ष शरद सिंह भण्डारी ने कहा कि मधेश के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए मधेशी को तीन जगहों से एक साथ संर्घष्ा करना होगा। भण्डारी ने कहा कि सरकार में संयुक्त लोकतांत्रिक मधेशी मोर्चा संर्घष्ा कर रही है जबकि सदन में दबाब बनाने के लिए वृहत मधेशी मोर्चा का गठन किया गया है। सिर्फमधेशवादी ही नहीं अन्य दलों में रहे मधेशी सभासदों को मिलाकर बना वृहत मधेशी मोर्चा संसद और संविधान सभा से अधिकार की सुनिश्चितता के लिए संर्घष्ा करगे। और जब ये दोनों विफल हो जाएंगे तो मधेश महासभा के तहत सभी मिलकर एक साथ सडÞक पर संर्घष्ा करना होगा।
तर्राई मधेश लोकतांत्रिक पार्टर्ीीे र्सवदेव ओझा ने कहा कि संर्घष्ा का कोई विकल्प नहीं है। और तीन दल किसी भी हालत में मधेशी को उनका अधिकार देने वाला नहीं है इसलिए इस बार सिर्फराजनीतिक दल ही नहीं बल्कि नागरिक समाज बुद्धिजीवी वर्ग आदि सभी को मिलकर आन्दोलन में जाना चाहिए। सभी राजनीतिक दल और नागरिक समाज विभिन्न संघ संस्था के लिए साझा मंच उपलब्ध कराने के लिए गठित मधेश महासभा की भूमिका अब काफी महत्वपर्ूण्ा होने की बात कहते हुए र्सवदेव ओझा ने कहा कि इस महासभा के बैनर पर आन्दोलन में जाने के लिए सभी को एकजूत होना होगा।
नेपाल सद्भावना पार्टर्ीीानन्दी देवी की अध्यक्ष सरिता गिरि ने कहना था कि अब तो संविधान आने में भी शंका उत्पन्न होने लगी है। जिस तरीके से संविधान सभा के अधिकारों को कुचला जा रहा है और पूरे के पूरे संविधान को तीन दल और कुछ लोगों की समिति बनाकर संविधान निर्माण का काम किया जा रहा है उससे यह साफ हो गया है कि संविधान में मधेश के मुद्दों को शायद ही समेटा जाएगा।
मधेशी जनअधिकार फोरम नेपाल के इस्तियाक र्राई ने कहा कि मधेशी मोर्चा मधेश के मांगों को पूरा करने में विफल रही है और उनका सारा ध्यान सिर्फसत्ता पर ही केन्द्रित है इसलिए अब आन्दोलन में ही जाना होगा। और जो आन्दोलन में जाएगा वही मधेश के लिए इमान्दार हो सकता है। सत्ता के लिए काठमाण्डू में रहने वालों को मधेशी जनता अब कभी भी क्षमा नहीं कर सकती है।
इस मधेश महासभा द्वारा आयोजित प्रतिबद्धता सभा में मौजूद सभी सभासदों ने सामूहिक इस्तीफे की घोषणा करते हुए आन्दोलन का कोई भी विकल्प नहीं होने की बात बताई। इस तरह से सामूहिक इस्तीफे की घोषणा करने वाले अन्य सभासद थे फोरम गणतांत्रिक के आत्माराम प्रसाद साह, फोरम लोकतांत्रिक के संजय साह और प्रमोद गुप्ता, फोरम नेपाल के
इसी तरह कार्यक्रम में मधेश नागरिक समाज के अध्यक्ष डाँ डम्बर नारायण यादव, नेपाल आँयल निगम के पर्ूव महाप्रबन्धक दिगम्बर झा, मधेश महासभा सक्रिय सदस्य मोहन कुमार सिंह की अध्यक्षता में हर्ुइ इस प्रतिबद्धता सभा में महासभा के अन्य सक्रिय सदस्य विमल ठाकुर ने मधेश महासभा के औचित्य और इसके उद्देश्य के बारे में बताया तो पंकज दास ने सभासदों और उपस्थित सभी संघ संस्थाओं के प्रतिनिधियों को महासभा की आगामी रणनीति के बारे में जानकारी दी थी।
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