Thu. Jan 16th, 2025

सबसे बड़ी खबर – चीन ने नेपाल को पूरी तरह चीनी नक्सा में समाहित दिखाया





काठमांडू, ९ अगस्त | ‘डोकलाम पाठार’ पर चीन द्वारा सड़क–निर्माण के प्रयास को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद और तनाव चरम पर है । दोनों देशों की सेना आमने–सामने है और चीन लगातार हुँकार भर रहा है । लेकिन भारत भी चरम संयम के साथ सीमा पर खड़ा है । लेकिन दोनों देशों के बीच कूटनीति तथा मीडिया के स्तर पर संग्राम एक तरह से शुरू हो चुका है ।

यह भी पढें
नेपाली संसद में भारत विरोधी आवाज, दोक्लाम चीन की भूमि होने का दावा video सहित

दोनों देशों के संचार तंत्र में युद्ध की सी अवस्था उत्पन्न हो गयी है । पिछले दिनों भारत की अधिकतम प्रसार वाली पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ (अंग्रेजी/३१ जुलाई २०१७) ने चीन का एक व्यंग्य मानचित्र अपने मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित किया जिसमें ताइवान को नहीं दिखलाया गया । इसका चीनी कूटनैतिक वृत्त तथा संचार माध्यम में तीव्र प्रतिक्रिया दिखलाई दी । चीन के ‘सीसीटीवी’ इंगलिश ने भारत से अलग होते हुए चीन का एक मानचित्र प्रसारित किया जिसमें नेपाल को पूरी तरह चीनी मानचित्र में समाहित कर लिया गया है । यह मानचित्र मानचित्र गुगल–इमेज पर भी देखा जा सकता है । मगर नेपाल की ओर से इसके प्रति कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है । क्या इसे नेपाल की ‘लम्पसारवादी/आत्मसमर्पणवादी’ सोच मानी जा सकती है ?


विवाद भारत और चीन के मध्य है लेकिन इस मानचित्र से यह संदेश तो आता ही है कि आन्तरिक रूप में चीन नेपाल को कितना महत्व देता है और नेपाल के प्रति उसका नजरिया क्या है ? बात साफ है कि अगर विवाद बढ़ा तो इसके छींटे नेपाल पर भी पड़ने की संभावना है । इसलिए नेपाल को बहुत सावधानी से कूटनैतिक कदम उठाने चाहिए ।

यह भी पढें   लामिछाने होंगे आज काठमांडू जिला अदालत में उपस्थित

भारत–चीन और भुटान के बीच जारी इस विवाद का मूल कारण है कि चीन भुटान के कब्जे वाले डोकलाम में सड़क का निर्माण करना चाहता है । भारत इसका विरोध कर रहा है । हलाँकि चीन ने भुटान के पूर्व में चुम्बी घाटी तक सड़क का निर्माण कर लिया है । भारत का मानना है कि अगर चीन यहाँ सड़क बना लिया तो उसकी सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा । यही कारण है कि भारत ने डोकलाम में सेना खड़ा कर दिया है ।
चीन डोकलाम पर पाठार पर कब्जा करना चाहता है और विशेषज्ञ इसे चीन की साम्राज्यवादी नजरिये का परिणाम मानते हैं । यह चीन तथा भारत को पूर्व में भुटान तथा तथा पश्चिम में सिक्कम से अलग करता है । यहाँ के नाथूला क्षेत्र पर भारत का कब्जा है । सर्वज्ञात है कि सामरिक सुरक्षा के लिए भुटान भारत पर निर्भर है । दोनों देशों के बीच संधि के मुताबिक अगर भुटान पर कोई संकट आएगा तो भारत उसका मुकाबला करेगा । इसी वजह से भारतीय सेना डोकलाम में तैनात है और चीन इसका प्रबल विरोध कर रहा है ।


डोकलाम विवाद की जड़ में इसकी संवेदनशील स्थिति है । चीन इस यलाके में भुटान से होकर सड़कों का जाल बिछाना चाहता है जिससे वह भूटान के उस इलाके पर कब्जा कर सके जिसे डोकलाम का पाठार कहा जाता है । यह १८ किलोमीटर चौड़ा और २० किलोमीटर लम्बा चौरस इलाका है और सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है । इस समय इस इलाके पर भारत का कब्जा है । ऊँचाई पर होने के कारण यह भारत के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है । अगर चीन यहाँ सड़क बना लेता है तो भारत के पूर्वोत्तर इलाके तक उसकी पहुँच आसान हो जाएगी और पूरे पुर्वोत्तर पर खतरा मँडराने लगेगा । यह भारतीय पक्ष का मानना है । वह यह भी मानता है कि चीन की मंशा बंगाल के सिलिगुड़ी के चिकेन नेक एरिया तक उसके पहुँचने के रास्ते को आसान करना है ।



यही कारण है कि भारत नहीं चाहता कि चीन भुटान के इस इलाके पर कब्जा करे । भारत जानता है कि भुटान चीन का मुकाबला नहीं कर सकता । चीन भी इसलिए भारत को इस मसले पर अलग रहने को कह रहा है । लेकिन अब तक की स्थिति में भारत अपनी जगह अडिग है ।
उस ओर चीन अब कूटनैतिक स्तर पर भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है और इस दृष्टि से नेपाल भी एक अहम कड़ी है । यही कारण है कि वह नेपाल पर भी डोकलाम के मसले पर अपनी स्थिति सपष्ट करने के लिए दबाब डाल रहा है । यह सच है कि दोनों देशों की सेना आमने–सामने है लेकिन अनाक्रामक मुद्रा में है ।- सच्चिदानन्द

यह भी पढें   जीवंत रीति-रिवाजों और परंपराओं से सजा मकर संक्रांति का उत्सव -डॉ सत्यवान सौरभ




About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
%d bloggers like this: