रामरहीम काे दस नहीं बल्कि बीस साल की मिली सजा
२८ अगस्त
साध्वी से बलात्कार के दोषी बाबा गुरमीत राम रहीम को आखिरकार उनके किए की सज़ा मिल गई। अदालत ने करीब पन्द्रह साल के लंबे इंतज़ार के बाद दो साध्वियों से यौन शोषण को लेकर 10-10 साल यानि कुल बीस साल की सज़ा सुनाई है। इस पूरे लंबे चले मामले में कुल 200 सुनवाई हुई और 62 याचकाएं लगाई गई। पूरे मामले में इंसाफ तक पहुंचने के लिए कुल 37 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
जी हा, उस कलयुगी बाबा के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वो मायाजाल का नायक था, वो आतंक का नायक था, वो परलोक सुधारने के नाम पर इहलोक में अपने भक्तों का शारीरिक शोषण करता था। उसके लिए संत की परिभाषा, पहनावा सब कुछ अलग था, वो इस धरती पर अपने को खुदा से कम नहीं समझता था। अपने तथाकथित व्यक्तित्व की आड़ में मासूम भक्तों की आस्था और शरीर से खिलवाड़ करता था। लेकिन उसे ये नहीं पता था कि भारतीय न्यायतंत्र की बुनियाद इतनी मजबूत है कि उसका बच पाना मुमकिन नहीं होगा। 2002 का साध्वी यौन शोषण का मामला डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के लिए भारी पड़ गया। 25 अगस्त को जब राम रहीम अपने लाव-लश्कर के साथ सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश हुआ तो खुद को भगवान मानने वाले राम रहीम के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थीं। सीबीआइ की विशेष अदालत के सामने वो रहम की अपील करता रहा।
– डेरा प्रमुख राम रहीम को सीबीआइ की विशेष अदालत ने दो मामलों में 10-10 साल की सजा सुनाई।
-धारा 376, 511 व 506 के तहत राम रहीम को सजा।
– सोमवार दोपहर 2.30 बजे से सुनारिया जेल में जज ने फैसला पढ़ना शुरू किया।
-सीबीआइ के वकीलों ने डेरा प्रमुख राम रहीम को ज्यादा से ज्यादा सजा देने की मांग की।
-डेरा प्रमुख राम रहीम के वकीलों ने उनके सामाजिक कार्यों का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की।
– सुनारिया जेल में जिस वक्त जज साहब फैसले को पढ़ रहे थे, उस वक्त राम रहीम की आंखों में आंसू थे।