मुम्बई पब अग्निकाँड ने ठंडा किया नव वर्ष का जश्न
३१ दिसम्बर
मुम्बई
पूरे उत्साह से नव वर्ष का स्वागत करने वाली मुंबई का उत्साह पब में हुए अग्निकांड ने ठंडा कर दिया है। इस हादसे में 14 लोगों की मृत्यु के बाद बहुत से लोगों ने नव वर्ष का जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है।
राजधानी दिल्ली की तुलना में नव वर्ष के समय मुंबई का मौसम खुशनुमा रहता है। लोग हाफ शर्ट या टी-शर्ट पहनकर भी घूम सकते हैं। यही कारण है कि नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए देशभर से लोग मुंबई और गोवा की तरफ आ जाते हैं। मुंबई में सारे होटल भर जाते हैं। खासतौर से 31 दिसंबर की रात तो मुंबई में देखने ही वाली होती है। जुहू का समुद्री किनारा हो या दक्षिण मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया। रात 12 बजे तिल रखने की जगह नहीं रहती। पांच सितारा होटलों में सेलीब्रिटी डांसरों के साथ पार्टियों की बुकिंग हर साल अपनी फीस के नए रिकॉर्ड बनाती है। गेटवे ऑफ इंडिया एवं मरीन ड्राइव पर होनेवाली आतिशबाजी देखने के लिए लोग घंटों खड़े रहते हैं।
लेकिन इस बार रंग फीका पड़ चुका है। एक तरफ कमला मिल्स अग्निकांड के बाद बीएमसी ने होटलों और रेस्टोरेंटों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, तो 14 असामयिक मौतों से मुंबईकर भी आहत हैं। वे होटलों में पहले से की गई अपनी बुकिंग रद कर रहे हैं। नव वर्ष के एक बड़े आयोजन का इंतजाम देख रहे मृत्युंजय बोस कहते हैं कि इस हादसे ने 26/11 एवं निर्भया कांड के बाद जैसी स्थिति बना दी है। उस समय भी मुंबईवासियों ने नव वर्ष के जश्न से दूरी बना ली थी। सोशल मीडिया पर अपील की जा रही है कि या तो नव वर्ष का जश्न न मनाएं या बहुत छोटे स्तर पर मनाएं। आतिशबाजी से भी दूर रहने की सलाह दी जा रही है। कुछ संगठनों ने शनिवार को परेल स्टेशन से कमला मिल्स कंपाउंड तक मोमबत्तियों के साथ मौन जुलूस निकाला। कुछ ने रविवार को ऐसा ही मार्च निकालने की योजना बना रखी है।
हालांकि, महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी कैंडल मार्च और मौन जुलूस से इत्तेफाक नहीं रखते। वह कहते हैं कि अब तो सीधे विरोध करने एवं सड़ी-गली व्यवस्था को बदलने का समय आ गया है। पब्लिक रिलेशन काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीएन कुमार ने वीआर प्लेइंग विद फायर मुहिम शुरू करने का एलान किया है। वे कहते हैं कि हम होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा कहीं भी जाएं, हमें देखना चाहिए कि वहां आग एवं दूसरे खतरों से बचने के इंतजाम हैं या नहीं। यदि नहीं तो हमें इन स्थानों के विरुद्ध अपनी आवाज उठानी चाहिए।
आग के बाद मुंबई के अवैध रेस्टोरेंट्स पर बीएमसी का बुलडोजर
राज्य ब्यूरो, मुंबई। दो रेस्टोरेंट्स में लगी आग में 14 की जान जाने के बाद जागी मुंबई महानगरपालिका ने शनिवार को मुंबई के अवैध निर्माण वाले रेस्टोरेंट्स पर एक साथ धावा बोल दिया। शाम तक बुलडोजर से करीब 150 अवैध निर्माण ढहाए जा चुके हैं।
गुरुवार मध्यरात्रि लोअर परेल के कमला मिल्स कंपाउंड के दो रेस्टोरेंट 1-एबव एवं बिस्ट्रो द मोज़ो में लगी आग में 11 महिलाओं सहित 14 लोग मारे गए थे और 21 घायल हुए थे। जिसके कारण राज्य सरकार एवं मुंबई महानगरपालिका को आलोचना का शिकार होना पड़ा है। इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के निर्देश पर संबंधित बीएमसी वार्ड के पांच मनपा अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने मुंबई के सभी रेस्टोरेंट्स की जांच करने एवं अवैध पाए जाने पर उनके विरुद्ध तुरंत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे। इन्हीं निर्देशों का पालन करते हुए मुंबई मनपा आयुक्त अजोय मेहता ने महानगरपालिका के सभी 24 वार्डों में जांच के लिए 10-10 अधिकारियों की टीम बनाकर शनिवार सुबह से ही मुंबई के सभी रेस्टोरेंट्स की जांच के आदेश जारी कर दिए थे। इस टीम ने शनिवार सुबह से ही जांच शुरू की एवं रेस्टोरेंट्स में पाए गए अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ढहाना शुरू कर दिया।
सभी वार्डों में बनाई गई जांच टीमों में बीएमसी के क्षेत्रीय उपायुक्त, सहायक आयुक्त, फैक्ट्री विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अग्निशमन विभाग के अधिकारी शामिल हैं। बीएमसी ने इस मुहिम के लिए अपने सभी कर्मचारियों-अधिकारियों की छुट्टियां एवं साप्ताहिक अवकाश रद्द कर दिए हैं। कभी कपड़ा मिलों का गढ़ रहे लोअर परेल एवं परेल क्षेत्र की सभी मिलों में अब बड़ी संख्या में मॉल और रेस्टोरेंट्स खुल गए हैं। बीएमसी ने आज इन सभी मिल कंपाउंडों में स्थित रेस्टोरेंट्स पर एक साथ धावा बोला और जमकर बुलडोजर चलाया। रेस्टोरेंट्स के बाहर खुबसूरती बढ़ाने के लिए रखे गए गमलों को भी बीएमसी के तोड़क दस्तों ने नहीं बख्शा। बीएमसी की यह कार्रवाई रविवार को भी इसी प्रकार दहिसर से दक्षिण मुंबई तक जारी रहने की संभावना है।
दूसरी ओर मुंबई पुलिस ने आज अग्निकांड का शिकार हुए दोनों रेस्टोरेंट्स के मालिकों पर तीन नए मामले भी दर्ज किए। इनमें 1-एबव रेस्टोरेंट्स के मालिक हितेश संघवी, जिगर संघवी एवं अभिजीत मनका के अलावा मोज़ो रेस्टोरेंट के मालिक युग पाठक, ड्यूक टुल्ली एवं कमला मिल्स के रमेश गोवानी शामिल हैं। हालांकि अभी तक पुलिस इनमें से किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। मोज़ो के मालिकों में से एक युग पाठक पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त कौशल पाठक का पुत्र है। दमकल विभाग अभी आग लगने के कारणों का भी पता नहीं लगा सका है। नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के अध्यक्ष राहुल सिंह ने एक बयान में कहा है कि मुंबई में हुई घटना यह सबक देती है कि हमारी रेस्टोरेंट व्यवस्था में बहुत सुधार की गुंजाइश है। सिंह के अनुसार उनका संगठन भविष्य में ध्यान रखेगा कि उसकी सदस्यता लेनेवाले रेस्टोरेंट सुरक्षा संबंधी सभी नियमों का पालन करते हों।