“आजादी आन्दोलन में मुख्यमंत्री” : रामेश्वर प्रसाद सिंह (रमेश)
रामेश्वर प्रसाद सिंह (रमेश), गोलबजार-13, सिरहा (मधेश) | मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय झंडा का सम्मान नहीं दिया तो घड़ी बोलते हो आकार परिवर्तन कर के राष्ट्र बिरोधी काम किया तो घड़ी बोलते हो मोदी के सामने आंत्रिक मामला को उजागर किया और इस पर फालतु का कुतर्क करते हो | आखिर क्यों?
गाँधी जी का अवज्ञा आन्दोलन नहीं पढ़े हो क्या ? साम्राज्य की झंडा को सम्मान न देना, साम्राज्य की भाषा को बहिष्कार करना, साम्राज्य की कुकृत्य को विदेशी कुटनितिज्ञ एवं प्रतिनिधि के समक्ष उजागर करना, साम्राज्य की बफादार पत्रकार की आलोचना करना,आदि इत्यादि…
कान खोलकर सुन लो फिरंगी प्रदेश नं. दो के मुख्यमंत्री सम्मानीय मो. लालबाबु राउत गद्दी जी ने भी आजादी आन्दोलन में हिस्सा जना चुके हैं | फर्क केबल इतना हैं वे गाँधी जी के आन्दोलन सन् 1929 के पहले वाले रास्ता आपनाए हुए हैं और स्वराजीयों ने सन् 1929 के बाद वाले | स्वराजी खुलकर आजादी कहते हैं जो की गाँधी जी ने सन् 1929 के बाद कहने लगें और मुख्यमंत्री जी डोमिनियन स्टेट्स कहते हैं जो की गाँधी जी का हि नारा था किन्तु सन् 1929 से पहले | बहुत जल्द वे भी सन् 1929 के बाद वाले रास्ता अपना लेंगे और शेष मुजिबुर रहमान की चाल को दोहराएँगे |