बेहतरीन अदाकारा ट्रैजडी क्वीन मीनाकुमारी का अाज है जन्मदिन
चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा,
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा
बुझ गई आस, छुप गया तारा,
थरथराता रहा धुआँ तन्हा
ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं,
जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा
हमसफ़र कोई गर मिले भी कभी,
दोनों चलते रहें कहाँ तन्हा
जलती-बुझती-सी रोशनी के परे,
सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा
राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा।
‘ट्रेजडी क्वीन’ मीना कुमारी ने अपनी अदाकारी के बल पर करीब 3 दशकों तक बॉलीवुड में अपनी धाक जमाए रखी। ज्यादातर फिल्मों में ट्रेजडी वाले रोल निभाने की वजह से उन्हें ‘ट्रेजडी क्वीन’ कहा जाने लगा। उनका असली नाम महजबी बानो था। 1 अगस्त 1932 को जन्मीं मीना कुमारी को गूगल ने डूडल बनाकर याद किया।
90 फिल्मों में अपनी दमदार अदाकारी से धमाल मचाने वाली मीना कुमारी को ट्रेजेडी क्वीन के नाम से हर कोई जानता है, लेकिन उनकी दमदार अदाकारी ने बॉलीवुड में उन्हें नया नाम भी दिया था वो था- फीमेल गुरु दत्त। मीना कुमारी को नाम, इज्जत, शोहरत, काबिलीयत, रुपया, पैसा सभी कुछ मिला पर सच्चा प्यार नहीं। मीना कुमारी ने अपनी खूबसूरती से करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाया। बता की खूबसूरत मीना कुमारी के साथ हर कलाकार काम करना चाहता था। इतना ही नहीं उनके ऐसे कई दीवाने भी थे जो उनके इश्क में पागल थे। मीना कुमारी को देख राजकुमार भूल जाते थे डायलॉग्स
मीना कुमारी इतनी खूबसूरत थीं कि कई एक्टर्स उनके प्यार में पागल हो गए थे। आलम तो ये था कि अपने जमाने के सुपरस्टार रहे राजकुमार, सेट पर मीना डायलॉग्स बोलती, या एक्टिंग करती, तो राजकुमार एकटक उन्हें देखते, और कई बार अपने डायलॉग्स ही भूल जाते थे
कमाल अमरोही थे प्यार में दीवाने
मीना कुमारी ने अपनी एक्टिंग के दम पर एक ऐसा इतिहास रचा जिसे भुला पाना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं हैं। मीना को असली पहचान साल 1952 में आई फिल्म ‘बैजू बावरा’ से मिली। मीना कुमारी की मुलाकात 1951 में कमाल अमरोही से हुई थी। उसी दौरान मीना कुमारी के कार का एक्सीडेंट हुआ था, तब कमाल साहब ने मीना कुमारी का बहुत ख्याल रखा था। जिसके कारण दोनों करीब आ गए। साल 1952 में मीना कुमारी और कमाल अमरोही ने गुपचुप तरीके से निकाल कर लिया लेकिन इस शादी को काफी दिनों तक छुपा कर रखा गया। धीरे-धीरे मीना कुमारी और कमाल के बीच दूरियां बढ़ने लगीं और फिर 1964 में मीना कुमारी कमाल से अलग हो गईं।
धर्मेंद्र के साथ अफेयर भी रहा चर्चा में
कमाल अमरोही से अलग होने के बाद मीना कुमारी धर्मेंद्र के करीब आईं। धर्मेंद्र को पाकीजा के लिए साइन किया गया था, लेकिन उनके और मीना के अफेयर के किस्सों की वजह से कमाल ने चिढ़कर धर्मेंद्र को फिल्म से निकाल दिया। मीना कुमारी जैसी सुपरस्टार के साथ फिल्में कर धर्मेंद्र अपना करियर खड़ा किया। कहते हैं अगर मीना कुमारी नहीं होती तो धर्मेंद्र इतने बड़े स्टार नहीं बन पाते। बाद के सालों में खुद धर्मेंद्र ने भी मीना कुमारी के इस योगदान से इनकार नहीं किया। धर्मेंद्र मीना कुमारी से प्यार करते थे।
भारत भूषण ने भी किया था प्रेम का इजहार
विजय भट्ट ने भारत भूषण-मीना कुमारी को लेकर कम बजट में ‘बैजू बावरा’ बनाई। बैजू बावरा में उनके नायक भारत भूषण ने भी उनसे प्रेम का इजहार किया था लेकिन मीना का दिल धड़कता था कमाल साहब के लिए। इश्क में नाकाम मीना इस गम को भूलाने के लिए शराब के नशे में डूबी रहने लगीं ज्यादा शराब के सेवन से वो लिवर सिरोसिस की शिकार हो गई और फिल्म ‘पाकिजा’ के रिलीज के कुछ ही हफ्तों बाद 31 मार्च 1972 को 39 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया।