नेपालगंज रिपोर्ट:भारत में नेपाली वाहन आवागमन समझौता चारो तरफ खुशी और उत्साह
हिमालिनी, अंक अगस्त 2018 । भारतीय क्षेत्र में जाने के लिए भारतीय राजदूतावास से परमिशन लेने वाली जद्दोजहद भरी समस्या का दीर्घकालीन निकास सम्भव होने से सीमावर्ती क्षेत्रों मेंं अलग ही उत्साह है । नेपालगन्ज से प्रतिदिन दर्जनों एम्बुलेन्स लखनऊ जाते हंै । स्वास्थ्य उपचार के लिए लखनऊ को अच्छा माना जाता है । अधिकाँश लोग अपनी सवारी साधन से जाना चाहते हैं लेकिन परमिशन की असुविधा के कारण भारतीय सवारी साधन का प्रयोग करना पड़ रहा है ।
हाल ही में नेपालगन्ज दौरा में पहुँचे भारतीय राजदूत मन्जीत पुरी से नेपालगन्ज उद्योग वाणिज्य संघ ने खुलकर आग्रह किया कि रोटी बेटी के सम्बन्ध को मजबूत बनाने के लिए नेपाली सवारी साधन सहज रूप से भारतीय क्षेत्र में आवागमन करने दिया जाए ।
राजदूत पुरी ने अपने वक्तव्य में कहा था कि इस सम्बन्ध में राज्यस्तर पर बात चल रही है, जल्द ही समाधान होगा । नेपालगन्ज उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष नन्दलाल वैश्य ने समझौते को दोनों देशों के बीच एक सौगात बताया है । यह बहुत ही खुशी की बात है कि नेपाली गाड़ी अब भारतीय क्षेत्र में अपने समय और सुविधा के अनुसार जा सकेंगी, हिमालिनी से बातचीत में अध्यक्ष वैश्य ने कहा, कि इस समझौता से दोनाें देशों के भाई चारे के सम्बन्ध और रोटी बेटी के सम्बन्ध में और भी मजबूती आएगी ।
इस से व्यवसायिक लाभ तो है ही साथ ही यात्रा और पर्यटन को भी बढावा मिलने की सम्भावना है,वैश्य ने कहा, सीमावर्ती क्षेत्र के दोनों देशों में पर्यटकीय सम्भावना, धार्मिक केन्द्र, वन्यजन्तु क्षेत्र है जहाँ सहज आवागमन से दोनों देशों को लाभ मिलेगा ।
अब नेपाल से भारत आने वाली गाडि़यों को पास नहीं लेना पड़ेगा । हाल ही में भारत की राजधानी दिल्ली में नेपाल के भौतिक पूर्वाधार तथा यातायात मंत्रालय और भारत के सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के सह–सचिव स्तरीय बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच आपसी सहमति से यह फैसला लिया गया है ।
भारत–नेपाल मैत्री दृष्टिकोण से नेपाल के नागरिकों को अब भारत में वाहन के साथ आने पर किसी भी प्रकार की परमिशन लेने की जरुरत नहीं होगी । अब नेपाल के नागरिक बिना परमिशन भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे ।
इससे पहले भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाले नेपाली वाहनों को भारतीय राजदूतावास से पास लेना पड़ता था । साथ ही बीमा के कागजात भी जमा करने होते थे । समझौता की पुष्टि नेपाल के भौतिक पूर्वाधार तथा यातायात मंत्रालय के सहसचिव केशव कुमार शर्मा ने की है । दिल्ली में नेपाल के भौतिक पूर्वाधार व यातायात मंत्रालय और भारत के सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के सह सचिव स्तरीय बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच आपसी सहमति से यह तय किया गया है ।
परिवहन संधि को और सशक्त बनाते हुए दोनों देश के अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि नेपाली वाहन बिना किसी पास के ही भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे ।
भारत नेपाल का मैत्री संबंध बहुत पुराना है । भारत सरकार अक्सर नेपाल के मदद के लिए सामने आती रही है । वहीं चीन से नेपाल की बढ़ी नजदीकियों से कई बातें सामने आई थी लेकिन फिलहाल भारत नेपाल के सम्बंधों में कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है । दोनों देशों की मजबूती को बढ़ाने के लिए सन २०१४ में भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी के नेपाल दौरे के क्रम में नेपाल भारत मोटर व्हैकिल एग्रीमेंट हुआ था । उसी पर आंशिक पहल शुरू हुई है ।
यातायात आवागमन का रूट कहाँ और किस नाका पर तय होगा और कहाँ पर लागु होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है । बताया गया है कि फरवरी २०१९ में नेपाल में द्विपक्षीय बैठक में इसका फैसला होगा । फिलहाल दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुए इस समझौते के बाद नेपाली नागरिकों को राहत मिली है ।
भारतीय क्षेत्र से वाहन आने जाने के लिए सामान्य इन्ट्री की प्रक्रिया है, जिला प्रहरी कार्यालय बाँके के प्रवक्ता राजेन्द्र अर्याल ने कहा, समझौता लागु होने के बाद भारतीय क्षेत्र में नेपाली आवागमन बढेÞगा ।
भारतीय क्षेत्र में रिश्तेदारी होने के बावजूद भी लोग अपनी सवारी साधन का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं, प्रवक्ता अर्याल ने कहा, इससे समान रूप से आवागन की विशेष सुविधा प्राप्त होगी, जो अति आवश्यक भी था ।
