माैलिक अधिकार से जुडे बिल राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर के बाद अाज से लागु
१९ सितम्बर
राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने मंगलवार को मौलिक अधिकारों से जुड़े सभी 16 बिलाें पर हस्ताक्षर कर दिया है।
संघीय संसद के दोनों सदनों ने रविवार को बिलों का समर्थन किया था और सोमवार की शाम को राष्ट्रपति कार्यालय को मंजूरी के लिए भेजा था।
राष्ट्रपति के मुख्य निजी सचिव भेष राज अधिकारी ने कहा कि बिल बुधवार से कानून के रूप में लागू हो गया है ।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स स्पीकर कृष्णा बहादुर महरा और नेशनल असेंबली (एनए) के चेयरमैन गणेश तिमिलसना ने बिलों के बारे में ब्योरा देने के लिए मंगलवार को सिंह दरबार में एक संयुक्त प्रेस बैठक आयोजित की।
अध्यक्ष महरा ने कहा कि लोअर हाउस में सात बिलों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है जबकि तीन एनए में हैं। इनमें व्यापक रूप से आलोचनात्मक आपराधिक संहिता में संशोधन शामिल है।
उन्होंने कहा कि यदि बिल इस सत्र को समाप्त नहीं करते हैं तो बिलों पर चर्चा संसद के अगले सत्र में जारी रहेगी।
एनए चेयर तिमिल्सना ने शॉर्ट-कट का बचाव किया संघीय संसद ने बिलों का समर्थन करने के लिए कहा कि यह अनिवार्य था क्योंकि बिल सीधे लोगों के जीवन से संबंधित थे। (पीआर)