शुरु हुई ठाेरी में हाथी सफारी
रियाज आलम
पर्यटन प्रवद्र्धन करने के उद्देश्य से बुधवार से पर्सा के ठोरी में हाथी सफारी शुरू हुआ है । ठोरी गाउँपालिका–५ सुवर्णपुर के वडा अध्यक्ष रामबहादुर पाख्रीन ने सुवर्णपुरचोक से हाथी चढकर सफारी की शुरुआत की है ।
पर्सा राष्ट्रिय निकुञ्ज ने पर्यटन प्रवद्र्धन करने के उद्देश्य से रमणीय पर्यटकीय स्थल घुमने के लिए लागि दाे हाथी उपलब्ध कराया है । जिला के ग्रामीण क्षेत्र में पहली बार हाथी सफारी की शुरुआत हुई है । तीन तीन लाेगाें के साथ पर्सा राष्ट्रिय निकुञ्ज के रमणीय स्थलाें का आनन्द लेने की व्यवस्था हुई है । सुनाखरी उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष देवीप्रसाद दाहाल ने यह जानकारी दी है ।
अध्यक्ष दाहाल ने कहा कि–“हाथी सफारी के माध्यम से इस क्षेत्र के पर्यापर्यटन प्रवद्र्धन हाेने का विश्वास है । प्रशस्त पर्यटकीय स्थल है । पर पर्यटकाें काे घुमाने का साधन नही है । राष्ट्रिय निकुञ्ज काे हाथी उपलब्ध कराने का आग्रह किया था । जिसकी व्यवस्था अब हुई है । अब इस माड्ढयम से इस क्षेत्र का पर्यटक अवलाेकन कर पाएँगे । सुवर्णपुर चोक से हाथी चढकर गडवाल पोस्ट, राभौरीभाटा का मैदान रातोमाटे देउराली, सिर्जना, पञ्चमुखी लगायत मध्यवर्ती सामुदायिक वन काअवलाेकन किया जा सकता है । इससे इस क्षेत्र की समृद्धि और विकास भी हाेगा ।
हाथी सफारी के लिए सुनाखारी मध्यवर्ती उपभोक्ता समिति ने समन्वय किया है । बारा के अमलेखगंज से सफारी की व्यवस्था करते आए निकुञ्ज ने ठोरी के तामाङ समुदाय द्वारा सञ्चालन होमस्टे क्षेत्र से भी सफारी की शुरूआत हुई है । पर्सा राष्ट्रिय निकुञ्ज के प्रमुख संरक्षण अधिकृत अमिर महर्जन ने कहा कि–“पर्यटकीय सम्भावना और पूर्वाधार तथा दुर्लभ वन्यजन्तु कि बढोत्तरी यहाँ पर्यटक काे लाने का साधन है ।”
निकुञ्ज के उत्तर पश्चिमी भाग घुमने के लिए गडवाल पोस्ट से सफारी की व्यवास्था मिलाने की बात उन्हाेंने कही । उन्हाेंने कहा कि हाथी सफारी की शुरुआत पर्यटन प्रवर्द्धन केलिएहै ।
बारा, पर्सा और मकवानपुर से ६२७ वर्ग किलोमिटर क्षेत्रफल में पर्सा राष्ट्रिय निकुञ्ज फैला हुआ है । जङ्गली हाथी बथान, बाघ, एकसिंगे गैंडा, गौरी गाई, घोडगदहा यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं ।
जङ्गली जानवर के साथ ही प्राकृतिक मनोरम दृश्यसहित इस निकुञ्ज के साथ ही धार्मिक तथा सांस्कृतिक धरोहर भी जाेडा जा सकेगा । यह बात नेकपा बारा के युवा नेता राजन पौडेल ने कही । युवा नेता पौडेल कहते हैं–“निकुञ्ज घुमने आने वाले पर्यटक गढीमाई, बारा का सिम्रौनगढ, पर्सा का कोइलाभार, रामभौरीभाठा, सुवर्णपुर का बाघमोर्चा, ठोरी का वनशक्तिलगायत धार्मिक तथा ऐतिहासिक क्षेत्र के सँग जोडा जा सकेगा । प्रदेश २ की राजधानी जनकपुर, काठमाडौं के साथ छोटी सडक तथा हवाइमार्ग, सहज यातायात, निर्माणाधीन दूसरा अन्तर्राष्ट्रिय विमानस्थल और फास्ट ट्र्याक भी पर्सा निकुञ्ज के महत्तव काे बढाएगा ।