लीबिया में अमेरिकी राजदूत की मौत
वॉशिंगटन।। पैगम्बर मोहम्मद का कथित तौर पर अपमान करने वाली एक अमेरिकी फिल्म पर मिस्र और लीबिया में जमकर बवाल हो रहा है। फिल्म के विरोध में लीबिया के शहर बेनगाजी में रॉकेट हमले में अमेरिकी राजदूत और तीन अन्य दूतावास स्टाफ की मौत हो गई है। अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
फिल्म के विरोध में मिस्र की राजधानी काहिरा में अमेरिकी ऐंबैसी पर हमला किया गया। लीबिया के शहर बेनगाज़ी में तो प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी काउंसलेट में आग लगा दी। अमेरिकी राजदूत क्रिस स्टीवेंस यहां से किसी तरह बच कर निकल गए। वह कार में किसी सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे थे। मगर, रास्ते में ही उनकी कार को निशाना बनाकर रॉकेट हमला किया गया। इस हमले में राजदूत स्टीवेंस और तीन अन्य दूतावासकर्मी मारे गए। एक लीबियाई अधिकारी ने राजदूत सहित चार लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है।
बताया जाता है कि यह फिल्म अमेरिका के एक पादरी और मिस्र के कुछ प्रवासी ईसाई लोगों ने मिलकर बनाई है। फिल्म काफी पुरानी है, लेकिन एक कट्टरवादी चैनल ने कुछ दिन पहले इसे मुद्दा बना दिया । खास बात यह है कि हमला 9/11 आतंकी हमले की बरसी पर किया गया है।अमेरिकी मीडिया का कहना है कि बेनगाज़ी में अमेरिकी काउंसलेट में प्रदर्शनकारियों ने आग लगाई, जिससे एक अमेरिकी अधिकारी की मौत हो गई। विदेश विभाग ने हमले की पुष्टि की। विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, ‘हम बेनगाज़ी में अपने काउंसलेट पर हुए हमले की पुष्टि कर सकते हैं। लीबिया को हमेशा से ही उग्रवादियों ने निशाना बनाया है।’ उन्होंने कहा, ‘लीबिया के साथ परिसर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बातचीत जारी है। हम अपने कूटनीतिक मिशन पर हमले की कठोर निंदा करते हैं।’
अमेरिकी अधिकारियों ने इन दोनों शहरों में हुई घटनाओं के बीच किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम इन दोनों घटनाओं के बीच संबंध स्थापित नहीं कर सकते।’ वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस हमले पर कड़ा रुख अपनाते हुए घटना की निंदा की है। उन्होंने राजदूत और दूतावास स्टाफ की मौत पर दुख जाहिर किया।
