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ताकि मिल सके सपनों का जाँब

इंदिरा राठौर
नेर्टवर्क बनाएं
रोजगार हँसिल करने के लिए जितनी जरूरी शिक्षा है, उतने जरूरी सही दिशा में सही वक्त पर किए गए प्रयास भी है। आप सिर्फजाँब पोर्टल्स में अपने प्रोफाइल की लिस्टिंग करके फारिग नहीं हो सकतें। ऐसे लोगों का नेर्टवर्क तैयार करें, जो पेड इंर्टर्नीशप या उपयुक्त काम दिलाने में आपकी सहायता कर सकें। काँलेज के अपने उन सीनियर्स से सर्ंपर्क बनाने में न हिचकें, जो अब नौकरी कर रहे हैं। यहां तक कि अपने माता-पिता के उन मित्रों से भी मिलें, जो आपको उचित सलाह दे सकते हों। उनसे यह जानने की कोशिश करें कि आप पसंदीदा क्षेत्र में नौकरी के लिए किस तरह कोशिश करें।
प्रोफाइल के अनुकूलः
आप उन सभी चीजों की एक लिस्ट बनाएं, जिनमें खुद को बेहतर मानते हैं। अपने उन सभी छोटे-बडे अनुभवों को एकत्र करें, जो आपने पर्ूव में हासिल किए हैं जैसे इंर्टर्नीशप, समर जाँब आदि। आत्मनिरीक्षण करें और पहचानें कि इनमें से कौन सी चीज आपकी स्किल्स, रुचि और आचरण के उपयुक्त है।
सोशल मीडिया के फायदेः
क्या आपका लिंक्ड इन पर अकाउंट है – यदि नहीं तो बनाएं और उसमें उचित जानकारियां भरें, जिनमें न केवल आपकी शिक्षा, इंर्टर्नीशप और अनुभव का जिक्र हो, बल्कि आपकी रुचियां क्या हैं, इनका भी जिक्र होना चाहिए। फेसबुक का समझदारी से प्रयोग कैसे करें, इसकी जानकारी प्राप्त करें। आप इस पर विश्वास करें या नहीं, ऐसे उम्मीदवार, जिन्होंने फेसबुक पर अपना प्रोफाइल और कंटेंट पोस्ट किए थें, उन्हें पिछले कुछ समय में बेहतर आँफर मिले हैं।
सही हो रिज्यूमेः
एंप्लाँयर के पास ऐसी जानकारियों के लिए ज्यादा धर्ैय नहीं होता, जो पद विशेष के अनुकूल नहीं होतीं। जब आप मार्केटिंग के लिए एप्लाय कर रहे होते हैं तो अपनी कम्युनिकेशन स्किल, पर्सनल स्किल और संबंधित अनुभव को ज्यादा हाइलाइट करें।
इंटरव्यू स्किल्सः
जिस कंपनी या जिस क्षेत्र विशेष में कार्य करने में दिलचस्पी हो उसमें रिर्सच करने में कुछ समय जरूर लगाएं। किसी वरिष्ठ या दोस्त के साथ मिलकर माँक इंटरव्यू की प्रेक्टि्स कर सकते हैं।
साँफ्ट स्किल
हैरानी होती है, जब बेहतरीन शैक्षिक-तकनीकी योग्यता के बावजूद कोई व्यक्ति करियर में आगे नहीं बढÞ पाता, जबकि कोई औसत व्यक्ति आगे बढ जाता है। गहर्राई से देखने पर पता चलता है कि दूसरे व्यक्ति में व्यावहारिक-सामाजिक ज्ञान पहले की तुलना में अधिक है। साँफ्ट स्किल को लाइफ स्किल या सरवाइवल स्किल के नाम से भी जाना जाता है। एक सफल व्यक्ति अपने कार्यस्थल में भी श्रेष्ठ कार्यकर्ता होता है। ऐसा महज काम में उसकी दक्षता के कारण ही नहीं होता, बल्कि यह श्रेष्ठता कई अन्य गुणों के कारण भी आती है। मिलनसार व व्यवहार, कुशल स्वभाव, गर्मजोशी, उत्साह, सकारात्मक दृष्टिकोण, समय-प्रबंधन, बेहतर संवाद क्षमता जैसे कई अन्य गुण भी करियर में सफलता के लिए जरूरी है। आईटी, बीपीओ, केपीओ, फार्मा, जनसर्ंपर्क जैसे तमाम क्षेत्रों में साँफ्ट स्किल्स की जरूरत अधिक होती है।
काम के प्रति नजरिया
काम के प्रति किसी का नजरिया कैसा है, इस बात पर भी सफलता निर्भर करती है। काम करने में मजा आता है या यह बोझ की तरह लगता है – इस काम को करना पडेगा। या यह काम करना है। इन दो वाक्यों का अंतर बताता है कि काम के प्रति किसी का नजरिया क्या है। सकारात्मक और आशावादी नजरिया करियर में सफलता दिलाता है, लेकिन नकारात्मक दृष्टिकोण से बने-बनाए काम बिगडÞ सकते हैं।

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