स्वर्गीय प्रोफेसर डा. हर्मन माइनर की प्रतिमा अनावरण
नेपालगन्ज। खास कारकाँदौं गाविस में रहा एसओएस बाल ग्राम के परिसर में स्थापित अन्तर्रर्ााट्रय एस.ओ. एस. युवालय के संस्थापक स्वर्गीय प्रोफेसर डा. हर्मन माइनर की प्रस्तर प्रतिमा का एक कार्यक्रम के बीच नेपाल के राष्ट्रिय निर्देशक शंकर प्रधानाङ्ग ने अनावरण किया।
उसी अवसर में प्रधानाङ्ग ने कहा- बालग्राम के संस्थापक प्रोफेसर डा. माइनर ने दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सन् १९४९ में इस संस्था की स्थापना की थी। जोखिम में रहे घर परिवारों वालों को और अनाथ बालबालिकाओं को सम्पर्ूण्ा रुप में पालन पोषण, जीवन संरक्षण तथा भविष्य की जिम्मेवारी बहन करने का इसका उद्देश्य था। अभी इस संस्था की १३३ राष्ट्र में शाखाएँ हैं। सन् १९७२ में नेपाल के सानोठिमी भक्तपुर में पहले बालग्राम की स्थापना की गई। और इस समय नेपालगन्ज लगायत ९ स्थानों में इसकी शाखाएंं हैं।
उन्होंने गत जून महीने में नेपाल में संचालित बाल ग्रामों की गतिविधियों के बारे में प्रस्तुति करने के बाद सन्तुष्ट होकर अष्ट्रिया के एक दाता अकेले सहयोग करने के लिए तैयार हुए हैं। उन्ही के सहयोग में नेपाल के सुदूर पश्चिम के क्षेत्र धनगढी में १ विघाहा ५ कठ्ठा जमीन खरीद कर एस.ओ.एस. बालग्राम का निर्माण करने का लक्ष्य रहा है।
उन्हों ने यूरोपियन मुलुक में आर्थिक मन्दी के बाबजूद भी एस.ओ.एस. बालग्रामों को सहयोग करने दाता और सौजन्यकर्ता लोगों ने सहयोग करने के लिए निरन्तरता देने के लिए तयार रहंे हैं। बालग्रामों में संरक्षित बालबालिकाओं और युवा लोगों ने हम लोगों को देश के आदर्श नागरिकांे के रुप में तयार होने के लिए लगनशीलता के साथ कडÞी महेनत करने के लिए आग्रह किया हैं।
एस.ओ.एस. युवालय कारकाँदौं के विद्यार्थी भक्त बहादुर मगर ने कार्यक्रम संचालन किया था उसी अवसर में एस.ओ.एस.बालग्राम सर्ुर्खेत जिला के निर्देशक मान बहादुर नेपाली लगायत एस.ओ.एस. बाल ग्राम बेलासपुर और कारकाँदौं के लगभग चार दर्जन सदस्यों की सहभागिता थी।