देश का नया नक्शा पास होने के साथ ही भारत से वार्ता की सम्भावना नगण्य

नेपाल की संसद ने शनिवार (13 जून) को देश के राजनीतिक नक्शे को संशोधित करने से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक को पास कर दिया। इसके साथ ही भारत से चल रहे सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच उसने बातचीत की उम्मीद को लगभग खत्म कर दिया है। अब देखना होगा कि भारत का अगला कदम क्या होता है। गौरतलब है कि नेपाल के इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को शामिल किया है ।
नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी समेत प्रमुख विपक्षी दलों ने नए विवादित नक्शे को शामिल करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक को अद्यतन करने के लिए संविधान की तीसरी अनुसूची को संशोधित करने संबंधी सरकारी विधेयक के पक्ष में मतदान किया। निचले सदन से पारित होने के बाद अब विधेयक को नेशनल असेंबली में भेजा जाएगा, जहां उसे एक बार फिर इसी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। नेशनल असेंबली से विधेयक के पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा।
संसद ने नौ जून को आम सहमति से इस विधेयक के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई थी जिससे नए नक्शे को मंजूर किए जाने का रास्ता साफ हुआ। सरकार ने बुधवार (10 जून) को विशेषज्ञों की एक नौ सदस्यीय समिति बनाई थी जो इलाके से संबंधित ऐतिहासिक तथ्य और साक्ष्यों को जुटाएगी।
