संगीतकार राजेन्द्र बजगाईं संगीत को नयां लेकिन अलग धार में ले जायेंगे
नेपालगन्ज/बाँके) पवन जायसवाल ।बर्दिया जिला के चर्चित होनहार युवा गायक तथा संगीतकार राजेन्द्र बजगाईं ने संगीत को एक फरक धार में ले जाने की सोंच में रहें है और उन की प्रयास वह है कि संगीत को अलग तरीके से पहिचान हो इस लिये उन्हों अपनी प्रयास को निरन्तर रखा है ।
वो बचपन से ही स्कूल में हो य तो गाँव घर में साँस्कृतिक कार्यक्रम में में वो अपनी बडी ही ईच्छा रखते थे और गावँघर में हो रही विविध साँगीतिक कार्यक्रम में उन्हो ने सहभागिता जनाते थे । अब वो संगीत को फरक धार में लेजाने की संगीतकार राजेन्द्र बजगाईं की सोंच में रहें है ।
राजेन्द्र बजगाईं संगीत क्षेत्र को अपना पेशा बनाकर, उन्हों प्रशिक्षण लेकर इय क्षेत्र में बि.सं. २०६४ साल से प्रवेश किया । नेपाली सुगम संगीत के सफल और चर्चित गायक तथा संगीतकार राजेन्द्र बजगाईं रहें हैं । उन्हों ने बाँके जिला नेपालगन्ज स्थित रही एक चर्चित रेडियो कृष्णसार एफ.एम. नेपालगन्ज ने आयोजन किया अपनी वार्षिकोत्सव और रेडियो की विभिन्न कार्यक्रम में उन्हों ने अपनी गीत ÷संगीत प्रस्तुत किया और दर्शकों की मन जीतने में सफल हुये अइसे ही उन की हौसला बढते गई ।
इसी तरह उन्हों ने निरन्तर संगीत सिर्जना में सक्रिय होते रहे, राजेन्द्र बजगाईं अभी दर्जनौं सिर्जना स्रोता रुची के रहे है । उन्हों ने विभिन्न अवाई भी प्राप्तकर चुके है कालिका अवार्ड– २०७२, जिनियस म्युजिक अवार्ड –२०७५, नेपाल म्युजिक तथा फेशन अवार्ड – २०७७, क्वालिटी इन्टरटेनमेन्ट अवार्ड– २०७८, पिम नेपाल फिल्म फेष्टिवल अवार्ड –२०७८, बिराट म्युजिक अवार्ड –२०७८, दसरी हिमालयन इन्टरनेशनल अवार्ड २०७८, दूसरी नेपाली आर्ट कल्चर एण्ड म्युजिक अवार्ड २०७८, आठवीं नेशनल क्यापिटल अवार्ड–२०७८, जैसी ख्याती प्राप्त अवार्ड प्राप्त कर चुके है और जिनीवस म्यूजिक सम्मान–२०७९, नेशनल प्रेस क्लब नेपाल ३२ वींं वार्षिकोत्सव– २०७९में कदर पत्र से सम्मानित भी हो चुके है । अन्य सम्मान भी पा चुके है लोकप्रिय युवा संगीतकार राजेन्द्र बजगाईं ने ।
राजेन्द्र बजगार्इं की “एकलब्य, काँचुली, म त मर्छु कि क्याहो” लगायत के चलचित्र में संगीत रही है । युवा पुस्ता के चर्चित तथा व्यस्त संगीतकार÷गायक राजेन्द्र बजगाईं ने कहा अभी भी नई जोश के साथ अपनी संगीत और गायन प्रतिभा को स्रोता के समक्ष तथा दर्शक के समक्ष प्रस्तुती करेंगे और संगीत को फरक धार में ले जाने की मेरा सोंच है ।