ज़िंदगी के ताप को महसूस कराने वाले जनकवि अदम गोंडवी की जयंती मनाई गई*
जनकपुरधाम /मिश्री लाल मधुकर . जनसंस्कृति मंच, दरभंगा द्वारा शोषित-पीड़ित आम अवाम की मुखर आवाज अदम गोंडवी की जयंती जिलाध्यक्ष डॉ. रामबाबू आर्य की अध्यक्षता में मनाई गई।
कार्यक्रम का आगाज कविता पाठ एवं जनवादी गीतों से हुआ। कविता पाठ रूपक कुमार ने किया वहीं जनवादी गीतों का गायन कॉमरेड भोला जी ने किया।
मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित जसम राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. सुरेंद्र सुमन ने कहा कि आज के दौर में अदम साहब को बारहां याद करने की जरूरत है। साम्प्रदायिक उन्माद, जातिवाद, कॉरपोरेट लूट, अभिव्यक्ति के अधिकारों का दमन, संविधान पर हमले के इस भयावह दौर में अदम गोंडवी जनता के स्वर हैं बल्कि जनाकांक्षाओं के प्रतीक हैं।
आगे उन्होंने हिंदी में गजल की परंपरा पर बात करते हुए जोड़ा कि स्वाधीनता के बाद देश की जो स्थिति बनती है उससे निपटने के लिए जो गज़लकार आते हैं उनमें दुष्यंत कुमार और अदम गोंडवी प्रमुख हैं। अदम साहब जनता की चेतना को जगा सकते हैं, झंकृत कर सकते हैं।
भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित युवा कवि मनोज कुमार झा ने इस अवसर पर कहा कि उर्दू गज़ल की जो बगावती परंपरा है उसके भीतर एक इंक़लाबी तेवर शुरू से रहा है। ग़ालिब और मीर के यहाँ भी है। जो बाद की राजनीतिक परिस्थितियों में और मुखर होता है।
अदम गोंडवी और बल्ली सिंह चीमा ने गज़ल को नई दिशा दी है। अदम साहब के मार्फ़त दलित चेतना और किसान चेतना पहली दफ़ा हिंदी गज़लों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराती है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ.रामबाबू आर्य ने इस संगोष्ठी के माध्यम से हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोशिएशन के सह-संस्थापक अशफ़ाक़ उल्लाह खान की क्रांतिकारी विरासत को उनकी जयंती के अवसर पर नमन करते हुए अदम गोंडवी के काव्य व्यक्तित्व से जोड़ा। उन्होंने कहा कि संपन्न परिवार में जन्म लेने के बावजूद अपनी वर्ग चेतना को विकसित कर अदम गोंडवी जनता की चेतना से जुड़ते हैं। अदम साहब बुद्ध की तरह जनता की पीड़ा से उद्वेलित हो कर जीवन जीते हैं। जनता की बेबसी का इतना मारक, मार्मिक चित्रण अन्यत्र बहुत दुर्लभ है।
आगे उन्होंने कहा कि वर्ग-संघर्ष के जो मुद्दे हैं- आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक गैर-बराबरी है उसके जड़ पर चोट करते हुए वे जनांदोलन को हमेशा के लिए प्रेरित करते हैं।
धन्यवादज्ञापन वरिष्ठ शिक्षज एस.एस.ठाकुर ने एवं कार्यक्रम का संचालन जसम दरभंगा के जिला सचिव समीर ने किया।
इस अवसर पर आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव, आइसा जिलाध्यक्ष प्रिंस राज के साथ ही मंजू कुमार सोरेन, शिव, समीर दयाल दीपक आदि कतिपय लोगों की उपस्थिति रही।