मधेश में नागरिकता समस्या सभी उम्मीदवार की बनीं पहली मुद्दा
जनकपुरधाम /मिश्री लाल मधुकर । मंसीर चार को नेपाल में प्रतिनिधि सभा तथा प्रदेश सभा का चुनाव है। दोनों गठबंधन के उम्मीदवार घरदैलो कार्यक्रम में व्यस्त है। घर घर मतदाता से संपर्क कर रहे हैं। दोनो गठवंधन के नेता एक साथ मंच भी साझा कर रहे हैं नेता जी क्षेत्र के विकास तथा पार्टी की उपलब्धियों की तो बौछौर लगा रहे है। लेकिन एक मुद्दा का जिक्र करना नहीं छोड़ रहे हैं जो पिछले चुनाव में नहीं था।
इस बार दोनो गठवंधन के अलावा अन्य दल भी नागरिकता समस्या जनता के बीच बखूवी से रख रहे है। यह गूंज मधेश प्रदेश के सभी जिलों में सुनाई पर रही है। पहले मधेशी दल ही इस मुद्दे को उठा रही थी। अव तो नेपाली कांग्रेस एमाले, माओवादी केन्द्र मधेशी दल से एक कदम आगे है। वे जनता को लुभा रही है कि मेरी सरकार बनने पर नागरिकता समस्या का हल होगा शनिवार को धनुषा क्षेत्र चार के गठवंधन के उम्मीदवार पूर्व मंत्री तथा नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार महेन्द्र यादव का बटेश्बर में तो पूरा भाषण ही नागरिकता पर केन्द्रीत था। वे इस क्षेत्र से निवर्तमान सांसद का नागरिकता को लेकर खूब खरी खोटी सुनाया। वे यहां तक बोल दिए कि युवा ऐसे नागरिकता बिरोधी बाले को क्षेत्र से खदेड़े। वे यही नहीं रूके उन्होंने कहा की मियां बीबी को हरावें। हेम बहादुर मल्ल तथा शारदा मल्ल बनने से रोके। जूली महतो को दक्षिण से भगावें। एक हाथ सिंदूर एक हाथ में नागरिकता नहीं संभव हैं बोलकर महिलाओं की ओर इशारा कर बोले कि” दाई माय के एकर निर्णय लेवय पड़तै“।